श्री रामचरणेश्वर महादेव मंदिर पर शिवविवाह का गायन हुआ
आज महादेव का जलाभिषेक होगा एवं सांयकाल विशेष श्रंगारित शिव की महाआरती होगी
जब तारकासुर का आतंक सब ओर व्याप्त था और देवताओं की प्रतिष्ठा भी धूलधुसरित हो चुकी थी तब देवताओं का उद्धार करने एवं समस्त विश्व के कल्याण करने के लिए भगवान शिव विवाह हेतु सहमत हुए। भगवान शिव ने दक्षप्रजापति का दंभ दूर किया, मैना का भ्रम दूर किया और पार्वती के तप का सम्मान किया। शिवजी के विवाह से हमें प्रेरणा मिलती है कि विवाह का हेतु समाज और राष्ट्र का कल्याण होना चाहिए ना कि भोग और विलास का साधन। भगवान शिव ने अपनी बारात में सभी अशुभ और अमंगल को शामिल किया जिसका तात्पर्य वेदों में वर्णित सर्वे भवन्तु सुखिनः से है। इस पृथ्वी पर समस्त चर और अचर जगत शिव से ही उत्पन्न एवं उसमें ही समाहित हैं। उक्त विचार श्री श्याम शरणागत मण्डल के डॉ. स्वतन्त्र शर्मा ने नसीराबाद रोड, बिहारी गंज स्थित ऊॅं श्री पंचमुखी हनुमान श्री रामचरणेश्वर महादेव मंदिर की में आयोजित महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित शिव विवाह प्रसंग के वाचन के दौरान व्यक्त किए। इस अवसर पर रामचरित मानस में वर्णित शिव विवाह प्रसंग का गायन श्री राम मानस मण्डल के कृष्ण मोहन लवानिया ने किया।
मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के अवसर पर 24 फरवरी को प्रातःकाल से ही महादेव का जलाभिषेक होगा एवं सांयकाल विशेष रूप से महादेव का श्रंगार किया जाएगा उसके पश्चात् महाआरती की जाएगी।
(राकेश कुमार शर्मा)
मंदिर अध्यक्ष
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