गरीबी मिटाने के लिए कौशल विकास है पहली सीढ़ी

Untitledअजमेर, 26 फरवरी। महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि समाज से गरीबी हटाने के कई तरीके हो सकते है। इनमें सबसे प्रभावी एवं कारगर तरीका कौशल विकास ही है। इस पहली सीढ़ी पर ही चढ़कर आगे की सफलता प्राप्त की जा सकती है। गरीबी हटाने के लिए कौशल युक्त व्यक्ति को स्वयं प्रयास करने से व्यक्ति जल्दी ही सफलता प्राप्त कर लेता है। गरीबी नारों से नही गरीब को कमाना सिखाने से मिटेगी उन्होंने यह बात रविवार को राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भगवानगंज में महिलाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में कही ।
महिला एवं बाल विकास विभाग के महिला उद्यमिता एवं कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत महिला अधिकारिता तथा महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय प्रबन्ध केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 26 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इन कार्यक्रमों में ब्यूटीशियन तथा सिलाई के लिए तीस-तीस महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । प्रशिक्षित महिलाओं को वर्किंग किट तथा प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
श्रीमती भदेल ने कहा कि भारत को सोने की चिड़िया बनाने के लिए परिवार के समस्त व्यक्तियों का आय जनक कार्य करना आवश्यक है। हाथ का हुनर जानने वाला व्यक्ति काम करके नाम और दाम कमाता है। स्वरोजगार करने से व्यक्ति स्वयं लगातार आय प्राप्त करता रहता है साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रोजगार का साधन उपलब्ध करा देता है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को लगातार प्रैक्टिस करते रहना चाहिए। इससे उनके हुनर में निखार आएगा और कार्य के दौरान आने वाली चुनौतियां उन्हें मजबूत बनाएगी। सरकार द्वारा प्रशिक्षण उपरान्त महिलाओं को ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इस ऋण पर नियमानुसार छूट प्रदान की जाती है। महिलाओं द्वारा सामग्री का उत्पादन करने पर उसकी मार्केटिंग के लिए सरकार सुविधाएं उपलब्ध कराती है। अमृता हाट में महिलाए अपनी सामग्री सीधे उपभोक्ताओं को बेच सकती है।
महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के उद्यमिता एवं लघु व्यावसाय प्रबन्ध केन्द्र के निदेशक प्रो. बी.पी.सारस्वत ने कहा कि केन्द्र द्वारा अजमेर में तीन तथा भीलवाड़ा, नागौर तथा टोंक में एक-एक कोर्स में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे दृढ़ संकल्पित है। भामाशाह योजना के माध्यम से महिलाओं को मुखिया बनाया गया और अब उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे है। इनसे महिलाओं की आय में वृद्धि होगी। केन्द्र तथा राज्य सरकार के द्वारा कौशल विकास के लिए अलग से विभाग बनाकर रोजगार परक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे महिलाओं के आत्मसम्मान में वृद्धि होगी। परिवार में सुविधाएं एवं समृद्धि बढ़ने से जीवन स्तर में सुधार होगा। इस प्रकार की आय जनक गतिविधियों से प्रति व्यक्ति तथा राष्ट्रीय आय में वृद्धि होगी।

महिलाओं को किए वर्किंग किट वितरित

समापन समारोह में प्रशिक्षित महिलाओं को उनके प्रशिक्षित के अनुसार वर्किंग किट वितरित किए गए। ब्यूटिशियन के लिए प्रशिक्षित महिलाओं को वैक्स हीटर, मैनीक्योर-पैडिक्योर किट, स्पंज, मसाज क्रीम, थैड, वैक्स पट्टी, वैक्स, फैशियल बैंड तथा टेलकॉम्ब का किट दिया गया। इसी प्रकार सिलाई का प्रशिक्षिण प्राप्त करने वाली महिलाओं को टेलर चॉक, थ्रैड, सूई, फीता, बॉबिन, बटन, निडल, हुक तथा मैजरमैंट स्कैल का किट उपलब्ध करवाया गया।
इस अवसर पर उद्यमिता केन्द्र से श्री मनोज अग्रवाल एवं मानेन्द्र सिंह तथा आर्य मण्डल के अध्यक्ष मुकेश खींची, शहर जिला मंत्राी नरपत जी, पूर्व मण्डल अध्यक्ष रमेश मारू, नगर निगम के पार्षद श्री मोहन लालवानी, अटल शर्मा, गोविन्द राज, प्रदीप तुनगरिया, हेमन्त सुनारीवाल, शैतान खींची, कैलाश सिंवासिया, पूरणजी जाटोलिया, पुरण जीरील, सीमा गोस्वामी, मोहन राजोरिया, दुर्गा प्रसार जी, निम्बारामजी, महेन्द्र पटेल, लक्ष्मण वर्मा, कलेश कुमार बुन्देल, महामंत्राी महेश जी, सत्यानारायण, घनश्याम मण्डोलिया सहित बड़ी संख्या में स्थानीय गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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