टेन्डर की होली दहन कर विरोध प्रर्दषन किया

zzअजमेर 27 फरवरी। शहर जिला कांग्रेस द्वारा अजमेर विद्युत वितरण के मुख्यालय पर बिजली व्यवस्था निजीकरण के टेन्डर का विरोध विरोध करते हुऐ टेन्डर की होली दहन कर विरोध प्रर्दषन किया गया।
कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन के नेतृत्व में आयोजित विरोध प्रर्दषन मे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। विरोध प्रर्दषन के लिये संगठन के कार्यकर्ता और नेता मंगलवार को सुबह ग्यारह बजे पंचषील स्थित अजमेर विद्युत वितरण निगम के मुख्यालय विद्युत भवन पर जमा हुऐे और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जेैन के नेतृत्व में सरकार द्वारा अजमेर की बिजली व्यवस्था को ठेके पर दिये जाने के टेन्डर का विरोध कर प्रर्दषन कर टेन्डर की होली जलाई।
इस अवसर पर कांग्रेसियों को सम्बोधित करते हुऐ कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन, ने कहा कि प्रजातंत्र में सरकारों का काम पब्लिक वैलफेयर होता है। इसमें मुनाफा या घाटा हमेशा गौण रहता है। परन्तु बिजली निजीकरण कर प्राइवेट कम्पनियों को सौंपना सरकार की गलत नीतियों और नीयत को दर्शाता है। निजीकरण के बजाए सरकार को कर्मचारियों और अधिकारियों की अकाउंटीबिलटी तय करनी चाहिए ताकि निगम के माध्यम से संचालित मौजूदा व्यवस्था से बेहतर परिणाम मिले। उन्होने कहा कि बिजली और पानी मूलभूत जन आवश्यकता है। बिजली व्यवस्था को निजी कम्पनी को ठेके पर दे देने से जनता के हितों पर आने वाले समय में गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेंगे जिसकी सहज कल्पना ही भयावह है।
जैन ने कार्यकर्ताओं से कहा कि राज्य सरकार के अनुसार घाटे को आधार बनाकर अजमेर शहर की विद्युत व्यवस्था को 20 साल के ठेके पर देने जा रही है। जबकि वास्तविक तथ्य यह है कि अजमेर सिटी सर्किल राजस्व वसूली के संबंध में प्रथम रहा है और यहां की छीजत भी अन्य जिलों से कम है। इसलिए सरकार का यह कदम तर्कसंगत एवं न्यायोचित नहीं है। तथापि यदि कही कोई घाटा हो तो उसका निराकरण कदापि निजीकरण या ठेकेदारी प्रथा नहीं है। निजीकरण एवं ठेका पद्धति के आधार पर किये जा रहे निजीकरण की पोल का तो सरकार के द्वारा उठाये गये अनेक कदमों के परिणामों को देखकर सहज ही पता लगाया जा सकता है।
इससे पूर्व महेन्द्र रलावता, नसीम अख्तर इंसाफ, ललित भाटी, डा. राजकुमार जयपाल, गोपाल बाहेती, हेमंत भाटी, कमल, बाकोलिया विजय नागौरा, अबदुल रषीद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया सभी नेताओं ने इसे जनविरोधी निर्णय बताते हुऐ सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। विद्युत भवन पर तैनात भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रर्दषन करते हुऐ डिसकाॅम मुख्यालय के गेट पर चढ़ गऐ जहां उनकी पुलिस कर्मियों से हलकी झड़प हुई।
विरोध प्रर्दषन में कैलाष झालीवाल, फकरे मोईन, प्रताप यादव, अमोलक छाबड़ा, कुलदीप कपूर, दिनेष शर्मा, ललित भटनागर, सुकेष कांकरिया, प्रेमराज सोलंकी, प्रमिला कौषीक, आरिफ हुसैन, विजय नागौरा, अषोक बिंदल, शैलेंद्र अग्रवाल, रामरूवरूप चैधरी, हरचंद हांकला, मजू बलाई, गुलाम मुस्तुफा, हरीष मोतियानी, इंसाफ अली, महेष हांकला, तारा मीणा, सुमेर सिंह राजावत, हरि सिंह गुर्जर, बिपिन बैसिल, राजेन्द्र नरचल, अतुल अग्रवाल, द्रोपदी कोली, रेखा पिंगोलिया, चंदन सिंह, निर्मल बैरवाल, चंद्रषेखर काकू, सुनिल कैन, विजय धोलखेड़िया, रष्मि हिंगोरानी, सबा खान, लक्ष्मी नायक, कामना मिश्रा, मंजू सोनी, गीता गुर्जर, अरूणा कच्छावा, वैभव जैन, मोहम्मद शाकिर, शैलेष गुप्ता, मनोज कंजर, हमीद चीता, समीर शर्मा, उर्मिला नायक, भगवान सिंह, हनीष मारोठिया,माहित मलहोत्रा, लोकेष शर्मा, सोनल मोर्य, बालमुकूद टांक, नियाज खान, नौरत गुर्जर, मनीष सेठी, राजनारायण आसोपा, मुनीम तंबोली, श्रवण टोनी, कमल गंगवाल, विवेक पाराषर, कमल बैरवा, विकास अग्रवाल, यासिर चिष्ती, रवि शर्मा, अजीज चीता, प्रियदर्षी भटनागर, अतुल माहेष्वरी, सुरेष लद्दड़, बलविंदर सिह, राजकुमार पाण्डया, गणेष चोहान, राकेष धाबाइ्र, अनिल कोठारी, सुर्दषन जैन, दीपक धानका, इष्वर राजोरिया, षिवराज भडाना, अमजद घोसी, दयानन्द चर्तुवेदी, दिनेष के शर्मा, दयाषंकर, दिनेष वासन, हुमांयू, सदाकत अली, विमला नारावत, शमषुद्दीन, प्रदीप कनौजिया, संजय जैन, राजकुमार गर्ग, राजकुमार तुल्सीयानी, सुनिल चैधरी, नीरू दौसाया, गौपाल तर्क सहित कांग्रेसी मौजूद थे।

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