निदेशक डॉ दिलीप मित्तल ने बताया कि शिविर में हर्निया, हाइड्रोसील, गुदा संबंधी समस्या, पेशाब का छेद सामान्य स्थान पर न होना, पेशाब में बार-बार संक्रमण, अण्डकोष का सही स्थान पर नहीं होना, गर्दन या शरीर के किसी हिस्से पर गांठ सहित अन्य शिशु शल्य चिकित्सा संबंधी सभी समस्याओं से संबंधित रोगों का परामर्श प्रदान किया गया। शिविर में पंजीकृत रोगियों को निर्देशित जांचों पर 25 प्रतिशत तथा ऑपरेशन एवं प्रोसीजर्स पर 10 प्रतिशत की छूट अगले सात दिवस तक प्रदान की जाएगी।
