जाने माने ठेकेदार लक्ष्मण कोटवानी का शुक्रवार को निधन हो गया। वे कुछ समय से बीमार थे और उनका इलाज मित्तल अस्पताल में चल रहा था। तबियत बिगडने पर उन्हें जयपुर के फास्टीस अस्पताल ले जाया गया, जहां जगह न होने के कारण एक अन्य असपताल में ले जाया गया, वहां उनका निधन हो गया।
श्री लक्ष्मण कोटवानी का जन्म 12 दिसंबर 1948 को अजमेर में हुआ। आपने पॉलीटैक्निक कॉलेज में प्रथम वर्ष तक पढ़ाई की, मगर उसे छोड़ कर 1966 में पड़ाव में अनाज के होलसेल के पैतृक व्यापार में जुट गए। कुछ समय बाद मुंबई जाकर बुश कम्पनी में काम किया और बिजली के सामान का व्यापार किया। 1973 तक वहां रहे, फिर अजमेर आकर कॉस्मैटिक-साबुन वगैरह का व्यापार किया। मिल्ट्री में ठेकेदार भी बने। 1980 तक ठेकेदारी करके यूआईटी में कार्य करने लगे, साथ-साथ जमीनों का व्यापार किया। शहर में उच्च स्तर की व्यवस्थित कॉलोनियां बनायी। स्वभाव से कड़क, समय व काम के पाबन्द, कार्य योजना में होशियार, हमेशा गरीबों व विद्यार्थियों के मददगार रहे हैं। लगभग हर धार्मिक स्थल से जुड़े हैं। समाज की सेवा में रुचि लेते हैं। आपके दो भाई व दो बहिन और दो पुत्र हैं।
