आखातीज 28 अप्रेल को, बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन सतर्क

जिला कलक्टर ने जारी किए निर्देश, जिला व उपखण्ड स्तर पर स्थापित होंगे कंट्रोल रूम
gaurav-goyalअजमेर, 14 मार्च। आगामी 28 अप्रेल को अक्षय तृतीया(आखातीज) के अबूझ सावे पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। जिला कलक्टर ने जिला व उपखण्ड स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने सहित अन्य उपाय करने के निर्देश जारी किए है।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं उपखण्ड अधिकारी के कार्यालयों में नियंत्राण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। यह कंट्रोल रूम 24 घण्टे कार्यशील रहेंगे। कलेक्ट्रेट अजमेर के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट-शहर अजमेर नियंत्राण कक्ष के प्रभारी होंगे। उपखण्ड मुख्यालय पर संबंधित उपखण्ड अधिकारी (बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी) नियंत्राण कक्ष के प्रभारी होंगे।
उन्होंने बताया कि जिले में गठित विभिन्न स्वयं सहायता समूह किशोरी समूह , महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, साथीन सहयोगिनी को बाल विवाह के विरूद्ध वातावरण निर्माण के लिए सक्रिय किया जा रहा है। ऐसे व्यक्ति व समुदाय जो विवाह सम्पन्न कराने में सहयोगी होते है। जैसे पण्डित, पण्डाल व टेन्ट लगाने वाले, हलवाई, ट्रांसपोर्टर्स, प्रिन्टर, बैण्ड-बाजा इत्यादि से बाल विवाह में सहयोग ना करने का आश्वासन लिया जाएगा। साथ ही उन्हें कानून की जानकारी दी जाएगी।
श्री गोयल ने बताया कि गांव व मोहल्लों के उन परिवारों में जहां बाल विवाह हाने की आशंका हो, वहां समन्वित रूप से समझाईश की जाएगी। जहां आवश्यक हो, कानून द्वारा बाल विवाहों की रोकथाम करेंगे। बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न विभाग यथा-महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत समिति के ग्राम स्तरीय कार्मिक प्रभावी कार्यवाही करेंगे। साथ ही पटवारी ग्राम सेवक , अध्यापक इत्यादि को बाल विवाह की आशंका या सूचना होने पर निकट के पुलिस स्टेशन में सूचना देने के लिए पाबंद किया जा रहा है।
उन्होंने सभी उपखण्ड अधिकारी व तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि बाल विवाह निषेध अधिकारी के रूप में सक्रिय रहकर बेहतर तरीके से कर्तव्यों का निर्वहन करें। जो अभिभावक बेटियों के विवाह के खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं है तथा इस कारण बाल विवाह करवाते है, उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान कराएं तथा सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रचार-प्रसार कराएं।
जिला कलक्टर ने बताया कि अधिकारी गांव के प्रमुख व्यक्तियों की पहचान कर, उन्हें बाल विवाह रूकवाने की जिम्मेदार प्रदान करें। धार्मिक गुरूओं तथा विभिन्न धार्मिक संस्था प्रधानों को भी बाल विवाह के दुष्परिणामों की एवं कानूनी प्रावधानों की जानकारी दें तथा इस कार्य में उनका भी सहयोग प्राप्त करें।

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