साइबर क्राइम पर तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम में जुडेगा साइबर क्राइम जागरूकता पर अध्याय – शिक्षा मंत्राी

वासुदेव देवनानी
वासुदेव देवनानी
अजमेर, 18 मार्च। प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि डिजिटल इंडिया अभियान एवं विमुद्रीकरण की सफलता को देखते हुए बढते साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश की जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है अतः स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम में जल्दी ही साइबर क्राइम जागरूकता पर अध्याय जोडे जाऐंगे। प्रो. देवनानी शनिवार को स्थानीय राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में तीन दिन से चल रही साइबर क्राइम पर जागरूकता कार्यशाला के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कैशलेस इकोनॉमी के बढ़ते उपयोग के कारण साइबर क्राइम से सर्तक रहने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उन्होने कहा कि भारत में डिजिटल इंडिया अभियान ने भी कम्प्यूटर और इंटरनेट के उपयोग को काफी बढा दिया है। गौरतलब है कि यह कार्यशाला राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार, एमकेबी स्कूल जयपुर एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई। तीन दिन चली इस कार्यशाला में देशभर से आए लगभग एक दर्जन विषय विशेषज्ञों ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया तथा अजमेर के विभिन्न भागों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

शनिवार को अहमदाबाद से आए विशेषज्ञ डॉ परवेज फारूकी, एडवोकेट राजेश टंडन एवं दिल्ली से आए विशेषज्ञ संदीप मनकू ने प्रतिभागियों को अपने अनुभव साझा किए। समापन समारोह में प्राचार्य डॉ. रोहित मिश्रा ने कार्यशाला समन्वयक तरूण कुमार जैन को धन्यवाद प्रेषित करते हुये कार्यशाला के विषय की सम्बद्धता को वर्तमान परिप्रेक्ष में महत्वपूर्ण बताया।

सहायक आचार्य ज्योति गजरानी ने कार्यशाला का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। शिक्षा मंत्राी ने सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्रा वितरित किये। कार्यशाला के समन्वयक समिति के सदस्य डॉ.राकेश राठी, विनेश जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला के संयोजक तरूण कुमार जैन ने शिक्षा मंत्राी को स्मृति चिन्ह भेंट किया ।

वरिष्ट अधिवक्ता राजेश टडंन ने साइबर क्राइम से सुरक्षित रहने के विभिन्न तरीके सुझाए। उन्होनें सुझाव दिये कि पुराना मोबाईल न तो खरीदना चाहिए एवं न ही खुद का मोबाईल बेचना चाहिए। आपके द्वारा बेचे हुये मोबाईल के डाटा का उपयोग हो सकता हैं उन्होनें इन्टरनेट पर विचारों की अभिव्यक्ति की स्वत्रंता को क्या सीमा हो सकती है इसके बारे में बताया। उन्होनें साइबर लॉ कार्स की उपयोगिता बताते हुये इसको पाठ्यक्रम में शामिल करने की आवश्यकता बताई।
डॉ परवेज फारूकी ने बताया कि छब्ैज्ब् और क्ैज् ळव्प् के उपक्रम से द्वारा आयोजित 3दिवसीय वर्कशाप ओन अवेयनेस अबाऊट साईबर क्राईम के तीसरे दिन के प्रथम चरण में डॉ.परवेज फारूकी सहायक आचार्य गर्वमेन्ट डब्। ब्वससमहम ने मोबाईल कॉमर्स एप्स तथा बेंकिग एप की (ईन) सिक्योरिटी के बारे में अपनी चर्चा का आरंभ किया उन्होनें ंिसग्नेचर बेस्ड एन्टिमालवेयर की खामियों का उजागर किया एन्ड्रोईड एप्स पर हावी हाने वाले बैंक ट्रोजन द्वारा डेटाबेस को एक्सप्लोईट करने वाला तरीका तथा इन्फेकषन पद्धति को उजागर किया तथा मोबाईल कॉमर्स तथा बैंक एप्स को सघन सुरक्षा हेतु जांच के लिये टुल्स की चर्चा की। अंत में उन्होनें बेंक एप्स की सेफटी टीप्स तथा जानेमाने बेन्डर्स की ड.ब्वउउमतबम एप्स की सिक्योरिटी टेस्टींग हेतु चर्चा की।
संदीप मनकू ने साइबर क्राइम ईन बैंकर्स पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अपना मोबाईल फोन किसी अज्ञात व्यक्ति को किसी भी प्रकार की सहायता करने हेतु फ्री कॉल करने को मत दीजिऐ। अपने मोबाईल फोन में कम से कम डाटा स्टोर करें, ताकि गुम होने पर कोई बड़ा नुकसान ना हो। अपने मोबाईल फोन को अपने से ज्यादा स्मार्ट मत बनने दीजिऐ । अपने कम्पयूटर /मोबाईल/ लेपटॉप पर सदैव वतपहपदंस ैवजिूंतमध्ंचचे डाले , और हर 48 घन्टे में ेमबनतपजल चंजी नचकंजम करे दे। हर बलइमत बतपउम सूचना को गौर से पढ़े और अघ्यन्न करें , कि आप कैसे इस सूचना से अपने आप को और समाज को सशक्त बना सकते है। हर को इस्तेमाल से पहले नामक अवश्य करे लें।

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