दरगाह नाजिम के इस्तीफे की मांग को गलत बताया

mansoor-aliअजमेर। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैहि की दरगाह के नाजिम कर्नल मंसूर अली खान के समर्थन में अब स्थानीय लोगों के साथ-साथ खादिम भी उतर आए हैं। आल इंडिया मशायख बोर्ड द्वारा नाजिम मंसूर अली के इस्तीफे की मांग को गलत बताते हुए दरगाह से जुड़े खादिम सैय्यद नजमुल हसन चिश्ती ने इसे बोर्ड का निजी मामला बताया।
उन्होंने कहा कि नाजिम मंसूर अली का इस्तीफा इसलिए मांगा गया है क्योंकि कुछ महीनों पहले कायड़ विश्राम स्थल पर जमीयत ओलेमा ऐ हिन्द को दरगाह नाजिम द्वारा अधिवेशन करने की अनुमती दे दी गई थी और बोर्ड ने इसका ऐतराज करते हुए अनुमति रद्द करने की मांग की थी। लेकिन नाजिम ने बोर्ड की मांग को दरकिनार करते हुए जमीयत का समर्थन किया था।
खादिम शैखजादा जुल्फिकार चिश्ती के अनुसार नाजिम का इस्तीफा मांगने वालों ने नाजिम को हटाने की मांग इसलिए की है क्योंकि उन्होंने एक फाउंडेशन बना रखी है। जो दरगाह विकास के नाम पर चंदा जमा करते हैं, जिन्होंने दरगाह विकास के नाम 66 लाख 66 हजार 66 रुपए दरगाह कमेटी के फंड में ना जमा कर के कमेटी के एक व्यक्ति को दे दिए है।
नाजिम ने इसी मामले में अशरफ फाउंडेशन से जवाब तलब किया है, जिसके तहत अब कुछ लोग रकम की जानकारी देने के बजाए उनका इस्तीफा मांग रहे हैं। खादिम एस एफ मुबीन चिश्ती की माने तो दरगाह के नाजिम ईमानदार हैं, जो जायरीन की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं। हाल ही में जायरीन की सुरक्षा के मद्देनजर नाजिम द्वारा रात को दरगाह में भिखारियों पर पाबंदी और संदिग्ध लोगों पर प्रतिबंध को सही बताते हुए सैय्यद फरीद, शेख जुल्फिकार चिश्ती, एस एम अकबर, एस एफ मुबीन चिश्ती, शाकिर रहमान, डॉ नजमुल हसन चिश्ती आदि ने समर्थन किया है और दरगाह नाजिम से मांग की है कि वो अपना दिया हुआ इस्तीफा वापस लें। ताकि जायरिने ख्वाजा और दरगाह की सुरक्षा के लिए बेहतर से बेहतर कदम उठाए जा सके।

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