अजमेर। राजकीय गुलाबबाड़ी स्कूल की छात्राओं ने बुधवार को स्कूल में कक्षाओं का बहिष्कार कर लगभग पांच किलोमीटर पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। स्थानीय प्रशासन अब इस मामले में स्कूल की शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्यवाही की बात कर रहा है।
स्कूली छात्राओं का कक्षाओं का बहिष्कार करना और बिना किसी संरक्षण के कई किलोमीटर का सफर तय कर के कलेक्ट्रेट पहुंचना, उनकी सुरक्षा पर सवालिया निशान तो खड़ा कर ही रहा है, साथ ही इस मामले में स्कूल की शिक्षिकाओं की लिप्तता की ओर भी इशारा कर रहा है। इससे पहले राजकीय सावित्री स्कूल की छात्राओं ने भी समय में बदलाव के खिलाफ इसी तरह हंगामा खड़ा कर दिया था। राजकीय गुलाबबाड़ी स्कूल की छात्राओं के इस हंगामे के बाद अब स्थानीय प्रशासन भी मानने लगा है कि इन सब के पीछे कहीं न कहीं शिक्षिकाओं की शह भी है, नतीजन एडीएम सिटी जगदीश पुरोहित ने आदेश जारी कर दिए हैं कि उन सभी स्कूल की शिक्षिकाओं के खिलाफ कार्यवाही की जाए, जिनकी छात्राएं सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रही हैं। क्लेक्ट्रेट पहुंची लगभग 600 छात्राओं की भीड़ को कन्ट्रोल करने के लिये डीएसपी विष्णुदेव सामतानी, महिला थाना प्रभारी सुनिता गुर्जर, एसएचओ रविन्द्र यादव सहित महिला कान्स्टेबल और पुलिस लाइन डिस्पेन्सरी से मंगाई एम्बुलेंस और मेडिकल टीम को तैनात रखा गया।
वही दूसरी तरफ हंगामा कर रही छात्राओं की मानें तो स्कूल समय में बदलाव उनके लिए सुविधाजनक नहीं है और इस के चलते उनकी पढ़ाई में भी व्यवधान हो रहा है। इन छात्राओं का कहना है की जब छात्राओं के प्रदर्शन के बाद सावित्री स्कूल की छात्राओं के समय में परिवर्तन किया जा सकता है तो उनकी स्कूल के समय में परिवर्तन संभव क्यों नहीं है।
गौरतलब है की राज्य सरकार के आदेश पर एक पारी में चलने वाले सभी सरकारी स्कूल का समय सुबह आठ बजे से बदल कर दस बजे से शाम चार बजे तक का कर दिया है। इस आदेश के खिलाफ सोमवार को राजकीय सावित्री स्कूल की छात्राओं ने प्रदर्शन किया था तो आज राजकीय गुलाब बाडी स्कूल की छात्राएं सड़कों पर उतार आई थी। खास बात यह है कि दोनों ही हंगामों में छात्राएं अनियंत्रित थीं और कभी भी किसी हादसे का शिकार हो सकती थीं।