बढ़ती उम्र में होने वाली शारीरिक तकलीफ का समय पर ले उपचार
अजमेर, 22 मई। बढ़ती उम्र के साथ रीढ़ की हड्डी व नसों के कारण होने वाली किसी भी शारीरिक तकलीफ का समय पर उपचार लें, तकलीफ को टाल कर बढ़ाएं नहीं। यह निष्कर्ष जोधपुर रोड, ब्यावर स्थित होटल सूर्य महल में आयोजित डिजनरेटिव स्पाइन डिज़िज़ एंड न्यूरोपैथिक पैन पर सेमिनार में निकला।
सेमिनार के मुख्य वक्ता मित्तल हॉस्पिटल के ब्रेन व स्पाइन रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ वर्मा थे। सेमिनार का आयोजन मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ब्यावर चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
आयोजन सचिव डॉ सी पी सिंगल ने बताया कि वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रदीप शारदा की अध्यक्षता में हुई सेमिनार में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बी सी सोढी भी उपस्थित थे। सेमिनार में 45 से अधिक चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया। सेमिनार में डॉ वर्मा ने रीढ़ की हड्डी की वजह से गर्दन में दर्द, कमर में दर्द, हाथ पैरो में दर्द, हाथ पैरों में कमजोरी, हाथ पैरों में सुन्नपन इत्यादी नसों की तकलीफ पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इस पर पावर प्रजेंटेशन भी दिया।
डॉ. वर्मा ने कहा कि सामान्य जीवन में उठने, बैठने, चलने, सोने, वस्तु उठाने, कूदने, गिरने आदि छोटे-छोटे कारण बढ़ती उम्र में रीढ़ की हड्डी व नसों में होने वाले परिवर्तनों के लोगों में तकलीफ का स्त्रोत बन जाते हैं। इस तकलीफ का समय पर निदान नहीं किया जाता है तो यह और अधिक बढ जाती है। जिसका प्रभाव शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ने लगता है।
उल्लेखनीय है कि डॉ सिद्धार्थ वर्मा मित्तल हॉस्पिटल में न्यूरो सर्जन हैं, डॉ. वर्मा ब्रेन हेमरेज, ब्रेन ट्यूमर, सिर व रीढ़ की हड्डी में चोट, सियाटिका आदि रोगों के उपचार की विशेष दक्षता रखते हैं। डॉ वर्मा पूर्व में सफदरजंग हॉस्पिटल व सर गंगाराम हॉस्पिटल, नई दिल्ली में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर अजमेर संभाग का एकमात्र एनएबीएच मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल है जहां एक ही छत के नीचे समस्त सुपरस्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। राज्य सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सुपरस्पेशियटी चिकित्सा सेवाओं में उपचार के लिए भी मित्तल हॉस्पिटल अधिकृत है।
सन्तोष गुप्ता
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