अजमेर/9 जून2017/चारण साहित्य शौध संस्थान के स्थापना दिवस के दो दिवसीय आयोजन का शुभारंभ संस्थान प्रांगण में दीपक जलाकरष्मायड भाषा राजस्थानीष्लिख कर किया गया।
एकल काव्य पाठ मुख्य आयोजन के अध्यक्षता करते हुए पद्मश्री डॉ.सी.पी.देवल ने कहा कि
स्थापना दिवस के शुभारंभ के मुख्य अतिथि पद्मश्री सूर्यदेवसिंह बारहठ ने कहा कि
चारण साहित्य संस्थान स्थापना दिवस शुभारंभ के मुख्य कार्यक्रम श्री मोहनसिंह रतनू केष्एकल काव्य पाठष्में एसीबी में ए एस पी श्री रतनू ने राजस्थानी व हिन्दी में श्रेष्ठ कविताओं का पाठ करते हुए-ष्हेमाळा री चोटी पर हिन्द परचम लहरावैलाष्एवं राजस्थान का शब्द चित्र ष्धौळा धौळा धौरिया चौखा लागैष्में खींचा। सैना को संबोधित कविता ष्आज भारत माता री लाज आपनै बचाणीष्। सामाजिक कुरीति टीका प्रथा पर करारी चोट करते हुए ष्बेटा बिकै ज्यूं घेटा बिकैष्सुनाकर दाद बटोरी।
श्री रतनू ने भ्रष्टाचार पर कविता से करारी चोट की। यातायात नियमों पर आधारित प्रसिद्ध कविता ष्पिया जयपुर जानाष्में समाज की समस्या को पत्नी के मुंह से पति को संबोधित कर कवि व पुलिस अधिकारी का धर्म निभाया।
चारण साहित्य संस्थान के स्थापना दिवस के प्रथम दिन विशिष्ट अतिथि-श्री लक्षमणदान कविया ने नीति की गजलें सुनाई।
शाहपुरा के कैलाशदान जाडावत ने क्रांतिकारी केसरी सिंह बारहठ व विश्व प्रसिद्ध आऊवा के सत्याग्रह पर गीत सुनाए। संचालन संस्थान महामंत्री डॉ सरोज लखावत स्वागत संस्थान अध्यक्ष भंवरसिंह चारण ने किया
धन्यवाद विनोद चारण ने किया समाज के बंधू सहित उपमहापौर संपत सांखला समाजसेवी नवीन सोगानी उपस्थित थे
डॉ राजेन्द्र
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