अन्तर्राष्ट्रीय प्रेरणादायी वक्ता चोयल ने बताए सफलता के मंत्र

130620173अजमेर 13 जून 2017। पण्डित दीनदयाल जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर बालिका कौशल विकास शिविर के दूसरे दिन ऑल सेंट बालिका विद्यालय भवन रामगंज थाने के सामने तारागढ़ रोड पर चल रहे शिविर में आयोजक एवं महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने बताया कि यह कैम्प बालिकाओं को स्वावलम्बि बनाने के लिये जो कार्स सिखाये जा रहे है उनमें आज फैशन डिजाइन में मोनिका चौधरी व वर्षा मोनिका सैम्यूल ने रनिंग स्टीच, बैक स्टीच, चैन स्टीच के गुर सीखायें। शू मैंिकंग एफ.डी.डी.आई. जोधपुर के राहुल यादव, सुनील चौहान, संजीव कुमार और मनोज वर्मा ने फुटवीयर स्टाईस, साइजिंग सिस्टम में इंग्लिस स्टाईल, फ्रेंच साईज बनाना सिखाया। मसाला खादय सामग्री के विनोद शर्मा, नन्दनी जैन ने मैंगो शैक, गुलाब का शर्बत बनाना प्रशिक्षणार्थीयों को सिखाया। बंधेज एवं गोटा में नीतू रूघवानी, शितेस शर्मा ने बंधेज के कपड़ें को बांधकर आज डाई करना सिखाया। ब्यूटी पार्लर में नीलोफर और ज्योति ने वैक्सिंग और ब्लीच करना सिखाया। कढ़ाई में पुष्पा शर्मा और निशा ने कपड़े पर फैदर स्टीच और पैच वर्क कटिंग, सिंधी कढ़ाई, फ्लाई, हैरिंगवौन स्टीच कैसे करते है बालिकाओं को सिखाया। बालिकाओं को मेहंदी में किरन द्वारा राजस्थानी फूल पत्ती लगाना, कोण चलाना, हाथों पर प्रेक्टिकल करके सिखाया। ज्वैलरी मैकिंग में शांता देवी ने रोलाइन की मसाला चूड़ी बनाना सिखाया। बालिकाओं को नृत्य का प्रशिक्षण नीरज दे रही है जिसमें आज घूमर और राजस्थानी नृत्य सिखाया गया। बालिकाओं को वेस्ट मैटेरियल को किस प्रकार काम में लिया जा सके इसके लिये आज संजय सेठी ने टमाटर पर जोकर, सब्जीयों से कार्टून, क्ले से गणपति बनाना सिखाया। फोटोग्राफी और विडियोग्राफी दीपक शर्मा ने सिखाई जिसमें आज फोटोग्राफी का महत्व, समाज में भूमिका और इसके बारे में तकनीकि जानकारी दी।
शिविर प्रभारी व पूर्व विधायक हरिश झामनानी ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी बालिका कौशल विकास शिविर में बालिकाओं की कल्पनाएं क्ले आर्ट के माध्यम से विभिन्न आकारों में ढल रही है। क्ले आर्ट में लगभग 300 बालिकाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं को मिट्टी की विभिन्न कलाकृतियां बनाना सिखाया जा रहा है। शिविर में पहले दिन से ही बालिकाओं ने अपनी कल्पनाआंे को मूर्तरूप देना आरम्भ कर दिया। प्रशिक्षण के उपरान्त बालिकाएं मिट्टी से सजावटी सामान, मूर्तिया, खिलौने एवं परम्परागत कलाकृतियांें का निर्माण कर रही है। आरम्भ में कलाकृतियों का निर्माण करने के लिए गाद की चिकनी मिट्टी को तैयार किया गया। इसके पश्चात इसे 2-3 दिन तक भिगोकर रखने पर मिट्टी कलाकृति बनाने के लिए तैयार हो जाती है। बालिकाओं ने मिट्टी तैयार करके कलाकृतियां बनाना आरम्भ किया है। अगले चरण में उन्हें डीपो पेन्ट, वॉटर कलर एवं क्लीयर वार्निस का उपयोग कर कलाकृति को आकर्षक, चमकदार एवं जलरोधी बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि क्ले आर्ट का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये बनवारी लाल ओझा को क्ले आर्ट के क्षेत्र में 20 वर्षों का अनुभव रखते है। ओझा को कैमलीन आर्ट टीचर एवं यूजीसी के नेशनल सेमीनार में अवार्ड प्राप्त हो चुका है। राज्य सरकार ने कला के क्षेत्रा में बेहतरीन योगदान के लिए 7 बार सम्मानित भी किया है।
उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण उपरान्त बालिकाएं गृह सज्जा, मृणशिल्प, हस्तशिल्प एवं सजावटी सामानों के क्षेत्र में रोजगार प्राप्त कर सकेगी। स्वरोजगार आरम्भ करने के साथ ही अपने घर को नया लुक भी दे पाएगी।
शिविर में आज उद्योगपति, मोटिवेटर एवं अन्तर्राष्ट्रीय प्रेरणादायी वक्ता आर.एस. चोयल ने बालिकाओं को सफलता और उनके व्यक्तित्व विकास के मंत्र बताएं।
चोयल ने कहा कि सफलता का आरम्भ एक सपने से होता है। बड़ी सोच के साथ बड़ा सपना देखा जाना आवश्यक है। सपना रेस्टोरेन्ट खोलने से आगे बढ़कर विशेष थीम वाली रेस्टोरेन्ट श्रृंखला खोलने का होना चाहिए। विश्व के समस्त बड़े व्यवसायों का आरम्भ इसी प्रकार होता है। सफल व्यक्ति की शुरूआत छोटे कार्य से होती है। उनकी सोच और सपने को सच करने में लगायी गई ऊर्जा उन्हें उस मुकाम तक पहुंचा देती है।
उन्होंने कहा कि सपने और सोच के अनुसार हमारा अवचेतन मन कार्य करने लगता है। अवचेतन मन को बार-बार किसी कार्य की चाहत विकसित होने से पूरी कायनात उसे सफल करने में जुट जाती है। सकारात्मकता के साथ सोचने से प्रकृति हमें आगे बढ़ने के लिए संदेश देना आरम्भ कर देती है। प्रत्येक संदेश आपको सफलता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा देता है। अवचेतन मन के संदेशों को कई बार आत्मा की आवाज भी कहते है। इन्हें समझने की काबिलियत आने से व्यक्ति दीवार के पार भी देख सकता है। ढृढता के साथ मानस बनाकर सफलता का विचार लेने से आगे के रास्ते अपने आप खुलने लगते है।
उन्होंने कहा कि किसी एक शब्द की कल्पना सबके मानस पर अलग-अलग चित्रा उकेरती है। यह कल्पना हमारी सफलता का स्तर तय करती है। इस कल्पना और सफलता के बीच की दूरी प्रकृति द्वारा हमारी सोच के अनुसार तय करवायी जाती है। सोच में बदलाव करके कल्पना को सफलता में जल्दी बदला जा सकता है। इस बदलाव के परिणाम को प्रकृति का जादू कह सकते है। इसे समझने से जीवन को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति को अपने साथ लेकर चलने से सफलता जल्दी मिलती है। अपने जीवन के लक्ष्य को शिद्धत के साथ चाहने से प्रकृति हमें हाथ पकड़कर मंजिल तक ले जाती है। विजेता बनने के लिए अपने जीवन के समग्र को देखना आवश्यक है। स्वयं, परिवार, समाज और राष्ट्र इस समग्र के घटक होते है।
उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता के लिए अनुशासन महत्वपूर्ण है। सफलता की दिशा में तेजी से बढ़ने के लिए स्व अनुशासन आवश्यक है। दूसरों के द्वारा अनुशासन का पाठ पढ़ाएं जाने से आगे बढ़ने की गति मंद हो जाती है।
मंच संचालन सम्पत सांखला ने किया और धन्यवाद हरीश झामनानी ने दिया। शिविर में कल सांय 4 बजे पूर्व प्रदेश महामंत्री भाजपा सतीश पुनिया शिविर का अवलोकन करेगें।
इस अवसर पर शिविर प्रभारी एवं पूर्व विधायक हरीश झामनानी, शिविर सहप्रभारी एवं निगम उपमहापौर सम्पत सांखला, आयोजन समिति के आनन्द सिंह राजावत, संदीप भार्गव, डॉ. अरविन्द शर्मा, सोहन शर्मा, मुकेश खींची, बलराज कच्छावा, सीमा गोस्वामी, मंजू शर्मा, सरोज भाटी, सुलोचना कच्छावा के साथ कुसुम मिश्रा, ज्येाति मिश्रा, कृष्णा सोनी, कुमकुम, कृष्णा मंघानी, मालती रावत, मधु शर्मा, सुनीता धवन, सुषमा भाटी, भारती, मधु महावर, गायत्री सोनी, सुनीता चौहान, पुष्पा, वीणा, कृष्णा सुचेता, रेणु चौहान, मोनिका, सम्पत भाटी, मंजू शर्मा, लीना विश्वा, तरूणा, पार्षद सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

कंवल प्रकाश किशनानी
प्रचार प्रमुख
मो. 9829070059

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