बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर दीपदान

5वां राष्ट्रीय सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन सम्मान हरिशेवा ट्रस्ट को
16 जून को भव्य कार्यक्रम स्मारक पर 1305वां सिन्धपति महाराजा दाहरसेन बलिदान दिवस

Untitledअजमेर 14 जून। सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक विकास एवं समारोह समिति की बैठक स्वामी कॉम्पलेक्स के चतुर्थ तल पर की गई गई जिसमें होने वाले कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया।
15 जून 2017
15 जून पूर्व संध्या पर महाराजा दाहरसेन स्मारक पर सांय 6 बजे से दीपदान व हिंगलाज माता की पूजा अर्चना की जायेगी। कार्यक्रमों में अजमेर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, पर्यटन विभाग, भारतीय सिन्धु सभा के सहयोग से किया जाता है।
16 जून 2017
सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन के 1305वां बलिदान दिवस के उपलक्ष में 16 जून को सांय 5 बजे से सिन्धुपति महारजा दाहरसेन स्मारक, हरिभाउ उपाध्याय नगर पर आयोजित देश भक्ति कार्यक्रम आयोजन किया जा रहा है व हिंगलाज माता की पूजा अर्चना, महाराजा द्ाहरसेन को श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ रंग भरो प्रतियोगिता के विजेताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जायेगा। हिंगलाज माता के मन्दिर पर घनश्याम भगत एण्ड पार्टी द्वारा भजनों की प्रस्तुति व अलग अलग मन्दिरों द्वारा लाई गई धर्मध्वजा फहराई जायेगी।
पांचवा राष्ट्रीय सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन सम्मान 2017
हरीशेवा धाम रिलीजियस एण्ड चेरिटेबिल ट्रस्ट, भीलवाडा को
पांचवां राष्ट्रीय सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन सम्मान 2017 हरीशेवा धाम रिलीजियस एण्ड चेरिटेबिल ट्रस्ट, भीलवाडा को प्रदान किया जाये। सम्मान में रूपये 51000 के साथ स्मृति चिन्ह, शॉल, श्रीफल, दिये जायेगें। जिसे महाराजा दाहरसेन सर्किल से बैण्ड बाजों व बग्घी में बैठाकर जुलूस के रूप में लाया जायेगा। उसके उपरांत हरिभाउ उपाध्याय नगर विस्तार समिति की ओर से स्वागत किया जायेगा।
सम्मानित होने वाली संस्था का परिचय व गतिविधियां

जगद्गुरू श्रीचन्द के आर्शीवाद से दुनियाभर में हरिशेवा धाम के माध्यम सनातन धर्म से जोडकर सभी को ज्ञान मार्ग पर साथ लेकर चलने का पवित्र कार्य किया जा रहा है। जीवन मूल्यों के संरक्षण के लिये नियमित दुनियाभर में स्थापित आश्रमों में सत्संग में संतो द्वारा मार्गदर्शन व आर्शीवाद दिये जाते है।
सिन्धु सभ्यता पर किये गये शोध कार्य के लिये विद्यार्थियों को सदैव प्रेरणा का कार्य किया जा रहा है जिसमें सिन्ध व हिन्द के साहित्यकारों का साहित्यिक सहयोग, लेखन कार्य में वरिष्ठ साहित्यकारों को जोडना एवं सिन्धी भाषा, सभ्यता व संस्कृति के सर्वंद्धन हेतु अनेकों किताबों का प्रकाशन करवाया गया है, जो एक मिसाल है। सिन्ध से आये विस्थापितों के परिवारों को सहयोग देना।
इसके अलावा हरीशेवा धाम के देशभर में आश्रमों में भी निरंतर अनेक सेवा कार्य, सभ्यता व संस्कृति का ज्ञान बढाने हेतु युवा पीढी में प्रेरणादायी कार्य किये जा रहे है जिसे देश दुनिया में बहुत अधिक प्रेरणादायी है।
पूर्व में दिये गये राष्ट्रीय सिन्धुपति महाराजा द्ाहरसेन सम्मान
उल्लेखनीय है कि प्रथम सम्मान वर्ष 2013 में इण्डियन इंस्ट्यिूट ऑफ सिन्धोलॉजी, आदीपुर, गांधीधाम को एवं द्वितीय सम्मान वर्ष 2014 को शदाणी दरबार, रायपुर (छतीसगढ) के सन्त युधिष्ठरलाल जी को तृतीय सम्मान वर्ष 2015 में सीमा जन कल्याण समिति जोधपुर व चतुर्थ सम्मान श्री प्रेम प्रकाश मण्डल ट्रस्ट, श्री अमरापुर स्थान, जयपुर को प्रदान किया को समारोहपूर्वक कार्यक्रम आयोजित कर प्रदान किया गया था

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