अजमेर। जिला कलक्टर वैभव गालरिया ने कहा कि अजमेर जिले में बाल श्रमिकों की पहचान कर उन्हें मुक्त कराने के लिए कार्य योजना तैयार कर कम्पेन मोड में कार्य करने की जरूरत है । उन्होंने विभाग के अधिकारियों से कहा कि उनकी सतर्कता और सामाजिक जागरूकता से यह कार्य आसानी से किया जा सकता है ।
जिला कलक्टर ने कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में बंधक श्रमिक सतर्कता तथा बालश्रम टॉस्क फोर्स समिति की बैठक ले रहे थे । उन्होंने बंधक एवं बाल श्रमिकों की पहचान करने के लिए आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिये और अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे ईंट भट्टा, आरी-तारी, निर्माण कार्य, होटल, रेस्टॉरेन्ट, ढाबे एवं अन्य सेक्टर जिनमें इन्हें कार्य करते देखें या जानकारी मिले तो जिम्मेदारी समझ कर कार्य करेंगे निश्चय ही सफलता मिलेगी ।
उन्होंने ऐसे श्रमिकों एवं बच्चों के पुनर्वास के लिए दक्षता प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और उन्हें स्कूली शिक्षा से जोडऩे, के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक को निर्देश दिये । गालरिया ने संयुक्त श्रम आयुक्त श्री आर.पी.पारीक से ऐसे श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार और कार्यशाला आयोजित करने की बात कही ।
मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सुरेन्द्र पुरोहित ने श्रम विभाग से बाल श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी देने को कहा और ऐसे मामलों में विधिक सहायता के बारे में बताया । उन्होंने ऐसे श्रमिकों के पुनर्वास प्रशिक्षण व रोजगार और शिक्षा के लिए प्रयास करने की आवश्यकता बताई ।
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश सिंधी ने व्यावसायिक संस्थानों और ऐसे क्षेत्र जहां बाल श्रमिक कार्य करते हैं उन पर साप्ताहिक अवकाश की तख्ती प्रदर्शित करने की बात कही जिससे उन्हें सप्ताह में एक दिन का अवकाश तो मिल सके ।
समिति के सदस्य एडवोकेट माणकचन्द जैन और मूलचन्द वर्मा ने वार्डस्तर पर सर्वे कराने और बंधक श्रमिकों के मामलों में कानूनी प्रक्रिया में निशुल्क सेवा देने की बात कही और गोटा कार्य में लगे बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए संवेदनशील प्रयास करने को कहा ।
जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. टीना अरोड़ा,अग्रणी बैंक प्रबंधक एम.टी. वाधवानी तथा उपअधीक्षक ने भी सुझाव रखे । संयुक्त श्रम आयुक्त श्री आर.पी.पारीक ने ऐसे कार्य क्षेत्र जहां बंधक एवं बाल श्रमिक कार्य कर रहे हैं उनको मुक्त कराने के लिए विभागीय स्तर पर किये गये प्रयासों के बारे में जानकारी दी । बैठक में समिति के सदस्य औंकारलाल भगत, चांदमल तमोली, श्रम अधिकारी सुधीर ब्रोका एवं सुषमा शर्मा, एपीसी रामप्रकाश शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
जिला कलक्टर ने कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में बंधक श्रमिक सतर्कता तथा बालश्रम टॉस्क फोर्स समिति की बैठक ले रहे थे । उन्होंने बंधक एवं बाल श्रमिकों की पहचान करने के लिए आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिये और अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे ईंट भट्टा, आरी-तारी, निर्माण कार्य, होटल, रेस्टॉरेन्ट, ढाबे एवं अन्य सेक्टर जिनमें इन्हें कार्य करते देखें या जानकारी मिले तो जिम्मेदारी समझ कर कार्य करेंगे निश्चय ही सफलता मिलेगी ।
उन्होंने ऐसे श्रमिकों एवं बच्चों के पुनर्वास के लिए दक्षता प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और उन्हें स्कूली शिक्षा से जोडऩे, के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक को निर्देश दिये । गालरिया ने संयुक्त श्रम आयुक्त श्री आर.पी.पारीक से ऐसे श्रमिकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार और कार्यशाला आयोजित करने की बात कही ।
मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सुरेन्द्र पुरोहित ने श्रम विभाग से बाल श्रमिकों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी देने को कहा और ऐसे मामलों में विधिक सहायता के बारे में बताया । उन्होंने ऐसे श्रमिकों के पुनर्वास प्रशिक्षण व रोजगार और शिक्षा के लिए प्रयास करने की आवश्यकता बताई ।
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश सिंधी ने व्यावसायिक संस्थानों और ऐसे क्षेत्र जहां बाल श्रमिक कार्य करते हैं उन पर साप्ताहिक अवकाश की तख्ती प्रदर्शित करने की बात कही जिससे उन्हें सप्ताह में एक दिन का अवकाश तो मिल सके ।
समिति के सदस्य एडवोकेट माणकचन्द जैन और मूलचन्द वर्मा ने वार्डस्तर पर सर्वे कराने और बंधक श्रमिकों के मामलों में कानूनी प्रक्रिया में निशुल्क सेवा देने की बात कही और गोटा कार्य में लगे बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए संवेदनशील प्रयास करने को कहा ।
जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. टीना अरोड़ा,अग्रणी बैंक प्रबंधक एम.टी. वाधवानी तथा उपअधीक्षक ने भी सुझाव रखे । संयुक्त श्रम आयुक्त श्री आर.पी.पारीक ने ऐसे कार्य क्षेत्र जहां बंधक एवं बाल श्रमिक कार्य कर रहे हैं उनको मुक्त कराने के लिए विभागीय स्तर पर किये गये प्रयासों के बारे में जानकारी दी । बैठक में समिति के सदस्य औंकारलाल भगत, चांदमल तमोली, श्रम अधिकारी सुधीर ब्रोका एवं सुषमा शर्मा, एपीसी रामप्रकाश शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।