महासागर महाराज का 14 वां मुनि दीक्षा मनाया, मोक्ष सप्तमी पर्व रविवार को
मदनगंज-किशनगढ़। मुनि सुधा सागर महाराज ससंघ सान्निध्य में शुक्रवार को मुनि 108 महासागर महाराज का 14 वां मुनि दीक्षा दिवस आर. के. कम्यूनिटी सेंटर में धूमधाम से मनाया गया।
मुनि सुधा सागर महाराज ने दीक्षा जयंती कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि व्यक्ति अपने जीवन में दो धारणाऐ रखता है पहला सुख व दूसरी जो है वह खो नही जाए। पंचम काल में मोक्ष नही मिलता लेकिन मुनि दीक्षा से संचित पुण्य नष्ट नही होते। जीवन में ऐसा कार्य करना चाहिए जो असाधारण हो। मनुष्य जीवन धन दौलत कमाने व संसार बसाने के लिए नही पुण्य कमाने जीवन को सफल बनाने के लिए हुआ है। जो व्यक्ति यह सोच ले कि मनुष्य जीवन मिला उस उद्देश्य को पूरा करके मृत्यु को प्राप्त करू तो जीवन धन्य है। प्रकृति मां के समान है। प्रकृति को खुश करने पर सभी कामनाए सफल होती है। नर से नारायण बना जा सकता है। मनुष्य जीवन की सफलता मुनि बनना है। 84 लाख योनियों में मनुष्य ही ऐसा है जो मंदिर बनाता है और मुनि बनता है। मुनिश्री ने आचार्य विद्यासागर महाराज के गुणगान करते हुए मुनि महासागर महाराज की जीवन पर प्रकाश डालते हुए दीक्षा का महत्व बताया तथा मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।
सच्चा तू, सच्चा तेरा दरबार विद्यासागर
दीक्षा जयंती पर मुनि महासागर महाराज ने कहा कि दीक्षा दिवस मुनि उपकार दिवस के रूप में मनाते है। धन व शरीर से दरिद्र भले ही हो, परन्तु भावना से दरिद्र नही होना चाहिए। जीवन में जो प्राप्त करने चाहते है उसकी भावना होनी चाहिए। दीक्षा लेने वाले पुण्यशाली होते है। स्वयं अपने कल्याण की भावना नही रखेगें तब तक गुरू भी कल्याण नही करेगें। सज्ची भावना से कार्य में सफलता जरूर मिलती है। शिष्य को गुरू के सामने समर्पण भाव से रहना चाहिए। दिगम्बर दीक्षा के बाद अंतिम लक्ष्य समाधि साधना होनी चाहिए। साधक की साधना का फल समाधि है। गुरू की महिमा का गुणमान करते हुए कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि हमे आचार्य विद्यासागर गुरू मिले है। गुरू के उपकार कोई नही चुका सकता। गुरू के सान्निध्य में रहने वालो के जीवन में कभी अंधकार नही आता। वात्सल्य, वैयावृति गुण तीर्थंकर भगवान के है। जो आचार्य गुरूवर विद्यासागर महाराज व मुनि सुधासागर महाराज में भी है। गुरू की दृष्टि सदा शिष्य के कल्याण पर रहती है। अनावश्यक धन को धर्म में लगाना चाहिए। जो श्रावक मंदिर बनाता है, मुनि को आहार देता है और वैयावृति करता है वह भाग्य शाली कहलाता है। संसार में आत्मा के अलावा स्वयं का कोई नही है। मुनिश्री ने सच्चा तू, सच्चा तेरा दरबार विद्यासागर भजन से गुरू की महिमा का गुणगान किया।
श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावना समिति के मीडिया प्रभारी विकास छाबड़ा व संजय जैन ने बताया कि
प्रात: श्रीजी का अभिषेक एवं शांतिधारा, चित्र अनावरण, दीप प्रज्जवलन, शास्त्र भेंट, पाद प्रक्षालन का सौभाग्य महेन्द्रकुमार, अमितकुमार, विक्की, कनिष्क, ध्रुव ाांारी को मिला। मुनि महासागर महाराज के पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य मुनिश्री के गृहस्थ परिवार की प्रज्ञा, विजयकुमार जैन एवं आर.के मार्बल परिवार के सुरेश पाटनी, शांता पाटनी व लाभचंद, मनोजकुमार, संजय पटवारी, प्रदीप, धर्मंेद्र, राजेश टीयस परिवार सहित श्रावक Ÿोष्टी परिवार को मिला। दोपहर में श्रद्धालुओं ने मुनिश्री महासागर महाराज की पूजा की तथा सायं तक विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
मोक्ष सप्तमी पर्व रविवार को
मुनि सुधासागर महाराज ससंघ सान्निध्य में 30 जुलाई को आर.के. कम्यूनिटी सेंटर में भगवान पाश्र्वनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। धर्म प्रभावना समिति के मीडिया प्रभारी विकास छाबड़ा व संजय जैन ने बताया कि महोत्सव के तहत प्रात: ६ बजे अभिषेक, शांतिधारा की जाएगी। श्री आदिनाथ संगीत मंडल के मधुर स्वर पर भगवान की विशेष पूजा के पश्चात ७.३० बजे निर्वाण मोदक चढाया जाएगा।