कॉलेज शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया अविलम्ब सम्पन्न करवाने की मांग

rpsc logoमाननीया मुख्यमंत्रीजी,
राजस्थान सरकार, जयपुर।

विषय – राजस्थान लोक सेवा आयोग से कॉलेज शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया
अविलम्ब सम्पन्न करवाने बाबत।
माननीय महोदया,
उपर्युक्त विषयान्तर्गत लेख है कि राजस्थान के लगभग 220 राजकीय महाविद्यालयों में आवश्यक 6000 शिक्षकों के पदो के विपरीत लगभग 3700 शिक्षक ही कार्यरत है। महाविद्यालय शिक्षा में लगभग 40 प्रतिशत पद रिक्त होने से महाविद्यालय शिक्षा का आधारभूत ढांचा ही चरमरा गया है। वर्तमान सरकार ने महाविद्यालय शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए सन् 2014 में 1248 महाविद्यालय शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए अभ्यर्थना लोक सेवा आयोग को भिजवा दी थी। इस संदर्भ में लेख है कि –
1. राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा महाविद्यालय शिक्षक भर्ती हेतु आवेदन प्रक्रिया जनवरी 2015 से प्रारम्भ करने के पश्चात् गत वर्ष 2016 में 24 अप्रेल से 9 जुलाई के मध्य विषयों की लिखित परीक्षाएं भी आयोजित की जा चुकी है। आयोग द्वारा लिखित वस्तुनिष्ठ परीक्षा के परिणाम भी धीरे-धीरे 23 अगस्त 16 से अप्रेल 17 के मध्य जारी किये।
2. आयोग द्वारा जनवरी 2015 में भर्ती हेतु विज्ञापन जारी करने से अब तक लगभग ढ़ाई वर्ष का समय व्यतीत हो चुका है किन्तु अभी भी भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है। आयोग द्वारा भर्ती प्रक्रिया को अतिमंद गति से सम्पन्न करने के कारण महाविद्यालय शिक्षण तो बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुआ ही है, साथ ही विद्यार्थियों में तंत्र के प्रति घोर असंतोष उत्पन्न हुआ है।
3. संगठन ने लगातार इस समस्या की ओर माननीय उच्च शिक्षा मंत्रीजी का ध्यान आकृष्ट किया। माननीय उच्च शिक्षा मंत्रीजी ने विषय की गंभीरता को समझते हुए अनेक बार राज्य लोक सेवा आयोग के अधिकारियों से उक्त पदों की नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने का आग्रह किया। लोक सेवा आयोग के अधिकारियों ने नवीन शैक्षणिक सत्र तक अधिकांश विषयों में चयन प्रक्रिया पूर्ण करने का आश्वासन भी दिया।
4. राज्य लोक सेवा आयोग ने गत जून माह में कुल चार विषयों (जिसमें 2 विषय ऐसे हैं जिनमें 6 व 10 पद पर ही चयन हुए हैं) के साक्षात्कार सम्पन्न करवा कर उनके परिणाम घोषित किए है किन्तु शेष 25 विषयों जिनमें सर्वाधिक पद है उनकी साक्षात्कार तिथियों की घोषणा अब तक नहीं हुई है। उल्लेखनीय है कि पूरे अगस्त एवं सितम्बर माह में आरएएस/आर.टी.एस. भर्ती के लिए साक्षात्कार कार्यक्रम घोषित किया जा चुका है एवं साथ ही अन्य विभाग के पदों के लिए भी साक्षात्कार इसी अवधि में निर्धारित है इससे प्रतीत होता है कि निकट भविष्य में व्याख्याता कॉलेज शिक्षा के पदों पर साक्षात्कार होने की संभावनाएं क्षीण है। इससे यह संदेश गया है कि तंत्र की नजर में शिक्षा एवं विद्यार्थी हित की तुलना में नौकरशाही अधिक महत्वपूर्ण है।
6. राज्य के महाविद्यालयों में नवीन सत्र 2017-18 प्रारम्भ हो चुका है ऐसे में शिक्षकों के रिक्त पदों के कारण शिक्षण कार्य पर बहुत अधिक विपरीत प्रभाव दृष्टिगोचर हो रहा है। कई महाविद्यालयों में एक या दो शिक्षक ही कार्यरत हैं, इन महाविद्यालयों में निकटतम महाविद्यालयों से, जो स्वयं शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, शिक्षक कार्यव्यवस्थार्थ लगाये जा रहे हैं। इस प्रकार की तदर्थ व्यवस्था से किसी का भला नहीं हो रहा है बल्कि राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी छवि पर इसका गहरा विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
आपसे सादर आग्रह है कि महाविद्यालय शिक्षकों के रिक्त पदों से उत्पन्न समस्या की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए राज्य लोक सेवा आयोग से शेष विषयों के साक्षात्कार अविलम्ब प्रारम्भ करवाने हेतु अपने प्रभाव का उपयोग राज्य की उच्च शिक्षा एवं विद्यार्थियों के हित में न्याय प्रदान करावें।

(डॉ. नारायण लाल गुप्ता)

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