अजमेर/वैश्विकरण के इस युग में बच्चों और युवाओं के लिए पुस्तकों का महत्व और भी बढ़ गया है। पुस्तकों के द्वारा जहाँ विश्वभर में आ रहे सामाजिक,राजनीतिक, सांस्कृतिक परिवर्तन की जानकारी मिलती है वहीं विविध विधाओं के साहित्य से मनोरंजन, उल्लास उत्पन्न होने के साथ-साथ जीवन को सरस,श्रेष्ठ एवं सफल बनाने में मदद मिलती हैं। पुस्तकों में रूचि बढ़ाने के लिए विद्यालयों व महाविद्यालयों में पाठक मंच बनाये जाने चाहिये। ये विचार शुक्रवार को राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह के अवसर पर कचहरी रोड़ स्थित अभिनव प्रकाशन पर ‘पुस्तक प्रदर्शनी‘ का उद्घाटन करते हुए रंगकर्मी एवं साहित्यकार उमेश कुमार चौरसिया ने व्यक्त किये। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए डॉ. अनन्त भटनागर ने कहा कि पुस्तकें मनुष्य की सर्वश्रेष्ठ मित्र होती हैं। आज इन्टरनेट के माध्यम से हमें विविध विषयों की पुस्तकों की जानकारी तो मिल सकती है पर पूरा लाभ और सच्चा आनन्द तो पुस्तक को पढ़ने से ही प्राप्त होता है। गोविन्द भारद्वाज ने कहा कि किसी भी देश के विकास में साहित्य का बड़ा योगदान होता है। पुस्तकें कुछ न बोलकर भी बहुत कुछ कहती हैं। संचालन कर रहे अनिल गोयल ने बताया कि यह पुस्तक प्रदर्शनी 9 नवम्बर से 16 नवम्बर तक प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से सांय 6 बजे तक खुली रहेगी। इसमें कथा साहित्य, ड्राइंग-पेंटिंग, योग, व्यक्तित्व विकास, बाल साहित्य आदि विविध विषयक हजारों श्रेष्ठ पुस्तकें प्रदर्शित की गई हैं। गोष्ठी में अनेक साहित्यकारों ने भी विचार व्यक्त किये।
-अनिल गोयल
संचालक ‘अभिनव प्रकाशन‘
संपर्क-9460900527
