ग्रीष्मावकाश में होने वाले शिक्षक प्रशिक्षणों के विरुद्ध शिक्षकों ने लामबद्ध होना सुरु कर दिया है।राधाकृष्णन शिक्षकसंघ द्वारा इस संबंध में एक सर्वे करवाया गया ।सर्वे में कुल 1461
शिक्षकों ने वोट दिए।
772 वोट शिविरों को गैर आवासीय रखने 334 वोट पहले से ही प्रशिक्षित है के पक्ष में 87 वोट शिविरों को आवासीय रखने और268 वोट एक दिवसीय गैर आवासीय शिविर आयोजित किये जाने के पक्ष में पड़े।
इस सर्वे से52.84% शिक्षकों ने गैर आवासीय शिविर आयोजित करने के पक्ष मे मत देकर शिक्षकों की पीड़ा को उजागर कर दिया है।हमारा देश लोकतांत्रिक देश है जंहा जनमत का सदैव सम्मान हुवा है।इतिहास गवाह है 1977 के आम चुनाव में तानाशाही को बैलेट के माध्यम से करारा जवाब देकर मिनटों में अर्श से फर्श देश का अवाम दिखा चुका है तो फिर राज्य के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री जरा सोच ले कि शिक्षकों से पंगा लेकर क्या वे सत्ता पर काबिज रह पाएंगे।विगत काल मे पूर्व मुख्य मंत्री अशोक गहलोत को राज्य कर्मचारियों से पंगा लेने का अनुभव प्राप्त है।इसे सत्ताच्युत होने के बाद गहलोत ने खुद स्वीकार किया था।
सरकार को चाहिए कि शिक्षकों के मतों का सम्मान करें।