विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी का संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर जारी
अजमेर। विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक एकनाथ रानडे ने कार्यकर्ताओं को जीवन का एक मात्र सूत्र दिया वह था समय पालन। स्वामी विवेकानन्द के राष्ट्रीय स्मारक के निर्माण का उत्तरदायित्व जब एकनाथजी के कंधों पर आया तब उन्होंने न केवल उसे समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया अपितु स्वामी विवेकानन्द के जीवन्त स्मारक विवेकानन्द केन्द्र की स्थापना कर पूरे भारत में उसकी शाखाएं खोलने का बीड़ा उठाया। एक जीवन एक ध्येय का मंत्र साकार करते हुए उन्होंने साधारण जीवन जीते हुए भी असाधारण कार्य कर दिया। उक्त विचार विवेकानन्द केन्द्र के रामकृष्ण विस्तार के संचालक डॉ0 श्याम भूतड़ा ने विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की स्थानीय शाखा द्वारा आयोजित किए जा रहे पांच दिवसीय संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर में विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक माननीय एकनाथ रानडे के जीवन एवं चरित्र पर चर्चा करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने बच्चों को एकनाथ जी के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को सुनाते हुए उनकी निडरता, समय बद्धता, कार्यकुशलता, आज्ञापालन एवं कार्य को पूर्ण कुशलता से करने के गुणों से अवगत कराया। एकनाथ रानडे अपने साथ जुड़े लोगों से आत्मीय संबंध बनाते हुए उनके मनोभावों को बदलने की क्षमता भी रखते थे।
शिविर अधिकारी नितिन गोयल ने बताया कि शिविरार्थी बहन एवं भाइयों के महापुरूषों के नाम पर गण बनाए गए हैं जिनमें नचिकेता, आरूणि, उपमन्यु, सत्यकाम, गार्गी तथा मैत्रेयी गण हैं। इन गणों ने आज पूरे परिसर की साफ सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। शिविर में स्वावलंबन के विकास हेतु शिविरार्थी स्वयं ही भोजन का वितरण करते हैं तथा अपने साथ लाए बर्तनों में भोजन करके स्वयं ही उसे साफ करके रखते हैं।
इससे पूर्व प्रथम सत्र में भारतीय संस्कृति पर केन्द्र की कार्यालय प्रमुख बीना रानी ने छात्रों को भारत की प्राचीन संस्कृति से रूबरू करवाया। इस अवसर पर विवेकानन्द केन्द्र के नगर प्रमुख रविन्द्र जैन, शिविर प्रमुख लाजवंती भारद्वाज, नाथूलाल जैन, रीना सोनी, संजीव जैन, सुरेश लामा, हरि, पंकज पूनिया, श्रीपाल खोजा, रामचन्द्र यादव सहित सभी कार्यकर्ता उपस्थित थे। सांयकालीन भजन संध्या में रिदम पर लक्ष्मण सिंह भाटी ने सेवाएं प्रदान कीं।
शिविर अधिकारी नितिन गोयल ने बताया कि शिविर का समापन 27 मई को प्रातः 11 बजे किया जाएगा जिसमें मुख्य अतिथि महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के कुलपति प्रोफेसर विजय श्रीमाली रहेंगे।
(अखिल शर्मा)
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