विकास अधिकारी ने दूरूस्त करने के दिए आदेश,
केकड़ी
विश्व प्रसिद्ध वराह मंदिर के वराह सरोवर की क्षतिग्रस्त पाल की मरम्मत अतिशीध्र करवाये जाने की मांग को लेकर बघेरा के ग्रामीणों ने विकास अधिकारी बीरबल सिंह जानू को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में बताया गया कि वराह भगवान का मंदिर पूरे विश्व में अपनी तरह का एक मात्र मंदिर है जिसकी मूर्ति पर ही विशेष चित्रकारी की हुई है, जिसे देखकर लोग अभिभूत हो जाते है व यह जन-जन की धार्मिक आस्था का प्रतिक है। तथा वराह सरोवर जो कि अपने प्राकृतिक नैर्सिगक सौर्न्दय और पर्यटन के लिये सैलानियों का आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है स्थानीय प्रशासन एंव उपखंड स्तरीय प्रशासन की अनदेखी एंव पर्याप्त संरक्षण के अभाव में अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। हालात यह है कि बारिश का मौसम शुरू हो चुका है इसके बावजूद भी सरोवर की सार संभाल नही ली जा रही है। हालात यह है कि सरोवर के पूर्वी छोर एंव दक्षिणी छोर पर सरोवर की पाल क्षतिग्रस्त हो रखी है। स्थानीय प्रशासन को इसकी सूचना दिये जाने के बावजूद भी सरोवर की सुध नही ली गई है। इससे ग्रामवासियों में भारी रोष उत्पन्न हो गया है व ग्रामीणों ने पंचायत समिति के विकास अधिकारी को ज्ञापन दिया कि वराह सरोवर जहां लोगों की धार्मिक आस्था का केन्द्र होने के साथ-साथ ही पर्यटन के लिये भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है तथा प्राचीन समय से ही ग्रामवासी इस के शुद्वता के लिये सरोवर में मत्स्य व पक्षी आखेट पर पाबंदी लगा रखी वहीं सरोवर में ग्राम का गन्दा पानी नही जाता है तथा किसी भी प्रकार की गंदगी फैलाने पर रोक लगा रखी है। यह सरोवर आसपास के क्षेत्र में अपनी शुद्वता के लिये अलग ही पहचान रखता है व सरोवर करीब छह सौ बीधा भूमि के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। लेकिन पिछलें कुछ वर्षो से स्थानीय प्रशासन द्वारा सरोवर में पानी की आवक ठीक नही करवाने, सरोवर के चौतरफा पाल जो कि कई जगह से क्षतिग्रस्त है उसकी मरम्मत तक नही करवाने के कारण वर्षाकाल में पानी की आवक कम हो रही है वहीं इस सरोवर में विदेशी पक्षीयों की आवक भी प्रभावित हुई है। सरोवर की उचित सार संभाल के अभाव में टोडा गेट ,रामदवारा, कब्रिस्तान, पथवारी जो कि सरोवर की पाल पर स्थित है इस क्षेत्र में जगह – जगह पाल क्षतिग्रस्त हो चुकी है । जिससे इस क्षेत्र में बारिश का पानी आते ही सरोवर की पाल के फूटने का अंदेशा बना हुआ है जिससे जन हानि होने की संभावना भी पैदा हो गई है। उल्लेखनीय है कि सरोवर की महत्ता को देखते हुये क्षेत्रीय विधायक एंव संसदीय सचिव शत्रुधन गोत्तम की अनुशषा पर मनरेगा के तहत मांडल तालाब योजना के तहत इस सरोवर को विकसित करने के लिये चयन कर राशि भी स्वीकृत की गई व पहले इस राशि से स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्य भी करवाया गया लेकिन कार्य आधे-अधुरे ही करवाये गये। ज्ञापन देने वालों में कैलाश सिंह, लोकेन्द्र सिंह राठोड़, नवनीत जोशी, किरण सिंह, भंवर सिंह, रामचन्द्र रैगर, गोपाल पंवार, घीसा माली, पप्पू माली, मोहन माली, भेरू लाल माली, गोपीलाल प्रजापत सहित कई ग्रामवासी उपस्थित थे।
इनका कहना है– विश्व प्रसिद्ध वराह सरोवर की क्षतिग्रस्त क्षेत्र के दूरूस्त करने के आदेश दे दिए है जल्द ही कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा- वीरबल सिंह जानू, विकास अधिकारी केकड़ी।