हर गांव में मनरेगा का एक काम बनेगा मॉडल – जिला कलक्टर

जवाजा पंचायत समिति के गांवों में पहुंचीं जिला कलक्टर आरती डोगरा
मनरेगा, जल स्वावलम्बन, अस्पताल एवं अटल सेवा केन्द्र के कामों का किया निरीक्षण
कामकाज में गति लाने तथा ग्रामीणों को राहत देने के दिए निर्देश

अजमेर, 14 जुलाई। जिला कलक्टर आरती डोगरा ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों के विकास एवं ग्रामीणों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। प्रत्येक गांव में नरेगा का एक बड़ा काम मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। यह काम गांव में मनरेगा की पहचान बनेगा। मनरेगा के तहत महिला मेट की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण का कार्य भी तेज किया जाएगा।
जिला कलक्टर आरती डोगरा ने आज जवाजा पंचायत समिति क्षेत्र में महात्मा गांधी नरेगा, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान, सरकारी अस्पताल एवं अटल सेवा केन्द्र आदि का निरीक्षण कर कामकाज में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने नरबदखेड़ा गांव में छोटे तालाब तथा सरवीना, करला नाड़ी आदि जगहों पर चल रहे महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने इन स्थानों पर छाया, पानी एवं अन्य व्यवस्थाओं की जांच कर निर्देश दिए कि कामों पर अधिक से अधिक महिला मेट तैनात की जाए। साथ ही मेट का प्रशिक्षण आदि भी समय -समय पर करवाया जाता रहे।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के कार्योंं का भुगतान श्रमिकों को उनके समूह को दिए गए टास्क के आधार पर किया जाए। साथ ही अच्छा कार्य करने वाले समूहों को प्रोत्साहित भी किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक गांव में मनरेगा का एक काम मॉडल के रूप में विकसित किया जाए। यह कार्य उस गांव में मनरेगा की पहचान बनेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत पुलिया के नीचे बने टीडी कर्व कार्य का निरीक्षण कर इसकी प्रशंसा की। इस तरह के कार्यों से क्षेत्र के भूमिगत जल स्तर में 10 से 12 फीट की बढ़ोतरी हुई है।
जिला कलक्टर आरती डोगरा ने राजियावास में अस्पताल का निरीक्षण कर वहां लेबर रूम, निःशुल्क दवा एवं जांच योजना, आउट डोर सहित अन्य कार्यों की जांच की। उन्होंने कहा कि अस्पताल में ज्यादा से ज्यादा प्रसव करवाए जाएं। यहां आउट डोर में आने वाले मरीजों को पर्याप्त दवा एवं जांच की उपलब्धता सुनिश्चित हो। जिन सामान्य बीमारियों का उपचार स्थानीय स्तर पर हो सकता है उन्हें यहीं पर चिकित्सा सुविधा मिले।
उन्होंने नरबदखेड़ा गांव के अटल सेवा केन्द्र पर पौधरोपण किया। यहां उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा के तहत कार्यों को गति देने के लिए स्थानीय संगठनों के साथ चर्चा की। इस अवसर पर विकास अधिकारी श्री हिंगलाज दान चारण सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अब सरकारी स्कूलों में स्टार ऑफ द क्लास, स्टार ऑफ द स्कूल
सरवाड़ उपखण्ड अधिकारी ने लल्लाई और अजगरा स्कूलों में शुरू की अभिनव योजना
जिला कलक्टर के निर्देश पर हो रहा है यह नवाचार, कई उपखण्डों के स्कूलों में शुरू हुए नए प्रयोग

अजमेर, 14 जुलाई। अजमेर जिले के सरकारी स्कूल अब एक नई पहचान बना रहे हैं। स्कूलों में सामान्य शिक्षा के अलावा कुछ अभिनव प्रयोग भी हो रहे हैं, जो विद्यार्थियों और अभिभावकों में खासे लोकप्रिय हो गए हैं। यह नवाचार सरकारी स्कूलों के लिए एक नई ऊर्जा के संवाहक भी बन रहे है। सरवाड़ उपखण्ड के लल्लाई एवं अजगरा स्कूलों में स्टार ऑफ द क्लास और स्टार ऑफ द स्कूल सहित कई नवाचार शुरू किए गए हैं। इनकी जिला स्तर भी सराहना की गई है।
जिला कलक्टर आरती डोगरा के निर्देश पर जिले के विभिन्न उपखण्डों में सरकारी स्कूलों में नवाचार शुरू किए गए हैं। सरवाड़ उपखण्ड अधिकारी डॉ. सूरज सिंह नेगी ने बताया कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लल्लाई एवं राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अजगरा में विभिन्न नवाचार शुरू किए गए हैं। इसके तहत प्रतिमाह इन दोनों स्कूलों में स्टार ऑफ द क्लास एवं स्टार ऑफ द स्कूल चुने जाएंगे।
प्रतिमाह कक्षावार एवं संपूर्ण विद्यालय से एक-छात्र या छात्रा को स्टार ऑफ द क्लास एवं स्टार ऑफ द स्कूल का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। बच्चों द्वारा नियमित उपस्थिति, यूनिफार्म, विद्यालय में प्रवेश, होमवर्क, पढ़ाई के अलावा अन्य गतिविधियों में भाग लेना, उसका व्यवहार आदि मापदंडों के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा और सर्वाधिक स्कोर वाले विद्यार्थीं को उस कक्षा का स्टार ऑफ द कक्षा घोषित कर महीने की एक तारीख को प्रार्थना सभा में प्रिंसिपल द्वारा प्रमाण पत्र दिया जाएगा। स्टार विद्यार्थी का फोटो संबंधित कक्षा कक्ष में एक माह तक लगा रहेगा। इसी प्रकार पूरे विद्यालय में सर्वश्रेष्ठ छात्र का चयन कर स्टार ऑफ दी स्कूल का प्रमाण प्रत्र दिया जाएगा ओर उसका फोटो प्रधानाचार्य के कक्ष में लगा रहेगा।

कक्षावार वृक्ष गोद लेना
उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से ‘‘आओ वृक्ष गोद लें’’ अभियान चलाया गया है। विद्यालय में प्रत्येक कक्षा को एक पौधा दिया गया है। पौधरोपण से लेकर उसका सार-संभाल करते हुए उसके पेड़ बनने तक का जिम्मा उसी कक्षा का होगा। गोद लिए गए वृक्ष के समीप एक बोर्ड लगाया जाएगा, जिस पर गोद लेने वाले विद्यार्थियों का नाम अंकित होगा। वृक्ष एक वर्ष का होने पर उसका जन्मदिन समारोहपूर्वक मनाया जाएगा।

एक दिन मेहमान का
बच्चे अपने आसपास के परिवेश एवं समाज से बहुत कुछ सीखते हैं, इसके अलावा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की उनको जानकारी होना भी आवश्यक है। गोद लिए गए स्कूल में प्रत्येक माह में एक दिन ‘‘इनसे मिलिए’’ कार्यक्रम रखा जाएगा, जिसके तहत विभिन्न क्षेत्र के व्यक्ति जैसे शिक्षा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, बैंकिंग, प्रशासन, पुलिस, समाजसेवा व प्रतियोगी परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों से बच्चों को रूबरू कराएंगे। जिससे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी। इसी प्रकार ‘‘इनको जानिए’’ एक ऎसा कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसके तहत सरकार के महत्वपूर्ण फ्लैगशिप व कल्याणकारी योजनाओं की संपूर्ण जानकारी संबंधित विभाग के अधिकारी द्वारा दी जाएगी। इसके पीछे यही उद्देश्य है कि अध्ययनरत युवाओं को यदि योजनाओं की संपूर्ण जानकारी दी जाए तो उनको या परिवार को आसानी से लाभ मिल सकेगा और जागरूकता का स्तर भी बढ़ेगा।

मेरा कोना सबसे अच्छा
प्रायः विद्यालय परिसर को उपेक्षित छोड़ दिया जाता है, खासकर परिसर के विभिन्न कोनों एवं दीवारों को। इसके लिए एक पहल की गई है। जिसमें ‘‘यह मेरा कोना है’’ नाम से कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत संपूर्ण विद्यालय परिसर को चार कोनों में बांटकर विद्यार्थियों के अलग अलग ग्रुप बनाकर एक-एक कोना अलग-अलग ग्रुप को गोद दिया जाएगा। गोद दिए गए उस कोने की साफ-सफाई से लेकर रंगाई-पुताई, चित्रकला व क्यारी बनाकर फुलवारी लगाने जैसे समस्त कार्य उसी ग्रुप द्वारा किए जाएंगे। इसके लिए एक-एक अध्यापक को ग्रुप इंचार्ज बनाया जाएगा। वर्ष के अंत में जिस ग्रुप के कोने को श्रेष्ठ घोषित किया जाएगा उसे प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

सुलेख व अन्य प्रतियोगिताएं
आजकल सुलेख तो जैसे भूल ही गए। सुंदर लेख अच्छे व्यक्तित्व का परिचायक होता है। प्राथमिक स्तर की कक्षाओं के लिए ‘‘आओ लेख सुधारे’’ नाम से एक कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। जिसके तहत कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थी एक कॉपी में प्रतिदिन एक या आधा पेज लिखेंगे औेर माह के अंतिम दिवस को सुलेख ओर श्रुतिलेख प्रतियोगिता आयोजित होगी। कक्षावार प्रथम स्थान पर रहने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त बच्चों की व्यक्तिगत अभिरुचि को जान कर उन्हें साहित्य की विद्या जैसे कहानी, कविता, चित्रकला, पेंटिंग, निबंध व रंगोली आदि के लिए प्रेरित किया जाएगा। अभिभावकों को बुलाकर इन सभी नवाचारों की जानकारी दी जाएगी।

हम आपके साथ हैं
विद्यालय में कई ऎसे गरीब, अनाथ एवं कमजोर बच्चे अध्ययन कर रहे है, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। विद्यालय की आवश्यक अपेक्षाएं जैसे फीस, बस्ता, कॉपी-किताबें, विद्यालय गणवेश जैसी आवश्यकताओं को धन-अभाव के कारण पूरा नहीं कर पाते। उपखण्ड कार्यालय में ‘‘सरवाड़ सहायता केंद्र‘‘ का गठन किया गया है जिसमें प्रतिमाह ब्लॉक स्तरीय अधिकारी 500 रूपये एवं अन्य कार्मिक इच्छानुसार राशि देते है। भामाशाहों को भी प्रत्साहित किया जा रहा है, प्राप्त राशि का उपयोग अध्ययन कर रहे ऎसे विद्यार्थियों के हितार्थ किया जाएगा, जिससे वह स्वयं को अकेला महसूस नहीं करें एवं किसी प्रकार की कुण्ठा से ग्रस्त ना हो।

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