स्वच्छता सैनिक धरने पर-शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई

*केकड़ी_24 जुलाई।
नगर पालिका के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते आज शहर की तमाम सफाई व्यवस्था चौपट हो रखी है। सफाई अभियान को ठेंगा बता रही सफाई व्यवस्था ने पालिका के गैर जिम्मेदाराना रवैय्ये की पोल खोल दी है। पालिका में गत दिनों नये सफाई कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं के आरोपों के बीच सफाई कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाने व सफाई का ठेका निरस्त होने की वजह से शहर की सफाई व्यवस्था चरमराई है। पालिका में तैनात सफाई कर्मचारियों के करीब दस दिनों से अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठ जाने के कारण सफाई कर्मचारी कई दिनों से काम पर नहीं आने की वजह से शहर के हर गली मोहल्लों में कचरे के ढ़ेर लग गए हैं वहीं घर घर से कचरा एकत्रित करने के लिए लगाए गए टेम्पो भी कई दिनों से कचरा एकत्रित करने नहीं जा रहे। हालांकि कल क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम व पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल ने अधिशासी अधिकारी की मौजूदगी में सफाई कर्मचारियों के शिष्टमंडल से बात कर उन्हें नये भर्ती सफाई कर्मचारियों के चयन में अनियमितताओं की जांच का आश्वासन दिया है। शिष्टमंडल ने विधायक गौतम को बताया कि नये सफाई कर्मचारियों की भर्ती में कई कर्मचारियों ने तो अनुभव के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर गलत तरीके से नोकरी हासिल की है जिनकी जांच की जानी चाहिए। वहीं शिकायत में उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारियों में भर्ती कई कर्मचारी अन्य जातियों से हैं जिन्हें भी सफाई कार्य मे लगाया जाए। शिष्टमंडल की शिकायत पर विधायक ने उन्हें जांच करने का भरोसा दिया है तथा उनके कहने पर पालिका प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की है जो शीघ्र ही जांच कार्य शुरू करेगी। वहीं पालिका के अधिशासी अधिकारी ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि अन्य जाति के कर्मचारियों से भी अन्य सफाई कर्मचारियों की तरह सफाई कार्य ही करवाया जाएगा। विधायक के आश्वासन के बाद कुछ सफाई कर्मी काम पर लौट आये हैं मगर दस दिनों में शहर के विभिन्न गली मोहल्लों में एकत्रित कचरे के ढेरों को साफ करने में तथा शहर को फिर से स्वच्छ बनाने में करीब 2-3 का समय लगेगा। शहर के बीचों बीच पुलिस थाने व चौपाटी के बीच कई दिनों से कचरा इकट्ठा हो रखा है, सफाई कर्मचारी और स्थानों से कचरा लाकर यहां डाल रहे हैं। यही हाल अन्य कई स्थानों का भी है। शहर में जगह जगह लगे कचरे के ढेरों की स्थिति ये है कि कचरे से उठने वाली बदबू से लोगों का जीना हराम हो गया है। वहीं कचरे से पैदा हुए मक्खी मच्छरों से लोग बीमार पड़ने लगे हैं।

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