विद्यालयों को 25 हजार रूपये तक के खेल उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 7 अगस्त। ‘खेलेगा भारत, खिलेगा भारत’ के तहत राज्य के विद्यालयों को समग्र शिक्षा के अंतर्गत 25 हजार रूपये की कीमत के खेल उपकरण उपलब्ध कराये जाएंगे।
शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि विद्यालयों में खेलकूद गतिविधियॉं को बढ़ावा देने के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय को 5 हजार रूपये, उच्चतर प्राथमिक के लिए 10 हजार रूपये तथा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयेां को 25 हजार रूपये तक के खेल उपकरण उपलब्ध कराये जाएंगे।
उन्होने बताया कि राज्य में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की पहल पर विद्यालयों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत विद्यालयों में सूचना और संचार प्रौद्यागिकी आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है। विद्यालयों में आईसीटी लैब, इंटरनेट सुविधा आदि उपलब्ध कराने के अंतर्गत राज्य के 30 स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में मोबाईल एप द्वारा विद्यार्थियों की उपस्थिति एवं अभिभावकों से प्रभावी संपर्क की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। इसके साथ ही 71 राजकीय विवेकानंद मॉडल स्कूलों में विज्ञान क्लबों की स्थापना की गयी है। इनके जरिए विद्यार्थियां को विज्ञान शिक्षा दिये जाने के साथ ही विज्ञान से संबंधित प्रतिस्पद्र्धात्मक माहौल तैयार करने की पहल की गयी है।
श्री देवनानी ने बताया कि राज्य के विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के तहत रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की शुरूआत की गयी है। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ रोजगार से जोड़ने के लिए क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान मे ंरखते हुए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम संचालित किये गये हैं। इसके अंतर्गत प्रदेश के 720 विद्यालयों में 10 विभिन्न ट्रेंड के तहत इस समय 1 लाख से अधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य के 7 हजार 125 विद्यालयो में आईसीटी कम्प्यूटर लैब स्थापित किये गये हैं। इसके अलावा 2 हजार विद्यालयों में गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के लिए सैटेलाईट के माध्यम से प्रसारण द्वारा शिक्षा की विशेष व्यवस्था की गयी है।

आरटीई के तहत गैर सरकारी विद्यालयों में अध्ययरत बच्चों के लिए राज्य सरकार ने की विशेष पहल
निःशुल्क सीटों पर पढ़ रहे बालकों की शिकायतों के लिए ऑनलाइन सिस्टम किया तैयार
श्री देवनानी ने परिवेदना निवारण के ऑनलाईन सिस्टम का बटन दबाकर की शुरूआत

अजमेर, 7 अगस्त। शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को आरटीई के तहत् गैर-सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क सीटों पर पढ़ रहे बालकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्राईवेट स्कूल पोर्टल पर शिकायत निवारण ऑनलाइन सिस्टम का बटन दबाकर शुभारंभ किया। आरटीई के तहत निःशुल्क सीटों पर अध्ययन कर रहे बालक-बालिकाओं एवं अभिभावकों की शिकायत/परिवेदनाओं के निस्तारण के लिए प्राइवेट स्कूल पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट राजपीएसपी डॉट इन पर एनआईसी द्वारा ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया गया है।
शिक्षा राज्य मंत्री श्री देवनानी ने बताया कि राज्य में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 12(1)(ग) के तहत् 28 हजार से अधिक गैर-सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क सीटों पर 7 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यह विद्यार्थी ‘‘दुर्बल वर्ग‘‘ एवं ‘‘असुविधाग्रस्त समूह‘‘ के होते हैं। वर्तमान में इन बालक-बालिकाओं या इनके अभिभावकों को आ रही किसी भी प्रकार की समस्या की शिकायत दर्ज कराने के लिए जिला मुख्यालय पर स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में जाना पड़ता था तथा कई बार उनकी शिकायत पर क्या कार्यवाही हुई इसकी जानकारी लेने के लिए भी पुनः इन कार्यालयों में जाना पड़ता था। ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों के लिए यह काफी कष्टपूर्ण होता था।
उन्होंने बताया कि इसे देखते हुए प्राइवेट स्कूल पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट राजपीएसपी डॉट इन पर सरकार द्वारा एनआईसी के सहयोग से शिकायत/परिवेदनाओं के निस्तारण के लिए तैयार ऑनलाइन सिस्टम में बालक-बालिका या अभिभावक की शिकायतों के साथ-साथ गैर-सरकारी विद्यालयों की शिकायतों/परिवेदनाओं को भी लिया जायेगा तथा निर्धारित अवधि में इन पर कार्यवाही की जायेगी। यदि निर्धारित अवधि में इन शिकायत/परिवेदनाओं पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जायेगी।
श्री देवनानी ने बताया कि बालक-बालिका/अभिभावक को शिकायत दर्ज कराने के लिए केवल अपने आवेदन क्रमांक एवं मोबाइल नम्बर की आवश्यकता होगी। जिन बालक-बालिका/अभिभावक को आवेदन क्रमांक याद नहीं है वह बालक-बालिका के आधार नम्बर से भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
उन्हाेंने बताया कि बालक-बालिका/अभिभावक से कुल 13 प्रकार की एवं विद्यालयों से कुल 16 प्रकार की शिकायतें ली जायेंगी। यह शिकायत स्वतः ही सम्बन्धित अधिकारियों को स्थानान्तरित हो जायेंगी तथा सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा निर्धारित अवधि में कार्यवाही नहीं करने पर उच्चाधिकारियों को स्थानान्तरित हो जायेगी। गैर-सरकारी विद्यालयों में प्रवेश हेतु नवीन आवेदन करने वाले बालक-बालिकाओं/अभिभावकों को भी शिकायत/परिवेदना देने की सुविधा दी गई है। विद्यालयों में पहले से अध्ययनरत बालक-बालिका भी अपनी शिकायत/परिवेदना दे सकेंगे।

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