अजमेर – गुलामी से आजाद हुए भारत को विष्व में सिरमौर बनाना ही असली आजादी है हमारी स्वतंत्रता तभी सार्थक है जब हम दूसरी की स्वतंत्रता की रक्षा करें। यह बात 72 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ लक्ष्मीकांत ने कही। दयानन्द महाविद्यालय में आयोजित समारोह में बोलते हुए मुख्यअतिथि डॉ लक्ष्मीकांत ने कहा कि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्व अधिकार है परन्तु इस अधिकार को पाने में हमारे षहीदों के बलिदानों को भुलाया नहीं जा सकता ऐसे में षहीदों को असली नमन तब होगा जब भारत का प्रत्येक नागरिक यह बात मन से स्वीकार करें की भारत मेरा है और मुझे इसकी आंतरिक व बाहरी सभी तरह की जिम्मेदारियां निभानी हैं इससे पूर्व मुख्य अतिथि द्वारा तिरंगा फहराया गया और राष्ट्रगान की मधुर धुन के साथ तिरंगे को सलामी दी गई। डॉ लक्ष्मीकांत ने राश्ट्रीय कैडेट कोर, राश्ट्रीय सेवा योजना रैड रिबन, रेंजर व रोवर की टुकडियों का निरीक्षण किया, साथ ही समारोह में षहीदों को श्रद्वासुमन अर्पित किए गए इस अवसर पर परेड कमांडर सीनियर अंडर आफिसर पृथ्वीराज, सीनियर अंडर आफिसर महेषपाल, उदयसिंह, पुश्पेन्द्र सिह, अंकित माकड,लोकेष चौधरी षिवम चौधरी अंडर आफिसर भूपेन्द्र सिंह हर्शिता उपाध्याय नेहा सोलंकी, ऋतु भारती खुषीराम दिव्या गुर्जर मानसी मिश्रा हरिराम चौधरी गोविन्द प्रजापत ने अपनी अपनी टुकडियों की कमान सभाली। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त षैक्षिक व अषैक्षिक कर्मचारी उपस्थित थे। प्राचार्य द्वारा सभी को स्वतंत्रता दिवस की षुभकामनाएं दी गई। कार्यक्रम में मंचसंचालन लेफ्टिीनेन्ट डॉ संत कुमार ने किया।
