अजमेर। अजमेर में माहे मोर्हरम का आगाज हो चुका है। इसी सिलसिले में जुमेरात के रोज गरीब नवाज गेस्ट हाउस से चौकी शरीफ की सवारी निकाली गई। पिछले ढ़ाई माह से जारी ताजिये की तामिर का काम भी मुकम्मल होने को है। तकरीबन तीन सदियों पुरानी ताजियों के तामीर की इस रिवायत को अंजाम देने वाले खलील अहमद उर्फ चांद बाबू के मुताबिक ताजिया शरीफ आज भी उसी शक्ल में है। अजमेर का यह ताजिया हिन्दुस्तान में अपनी अलग ही किस्म का है। इसे दरगाह शरीफ का बड़ा ताजिया कहा जाता है, जो तीन मंजिल मे तकरीबन 16 फीट बुलंद होता है।

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