शहर के प्रमुख मार्गों से निकले पथ संचलन का पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत
अजमेर 19 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अजयमेरू महानगर द्वारा विजयदशमी पर निकले पथ संचलन में स्वयंसेवकों द्वारा शहर के प्रमुख मार्गों से पथ संचलन का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयसेवकों ने घोष की धुन के साथ कदम से कदम मिलकार संचलन में भाग लिया और सभी मार्गों पर सामाजिक, धार्मिक और व्यवसायिक संगठनों की ओर से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
निरंजन शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि इससे पूर्व राजकीय आदर्श मोइनिया इस्लामिया विद्यालय में आयोजित मुख्य शस्त्र पूजन कार्यक्रम के पश्चात आयोजित कार्यक्रम में स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड प्रान्त के सह-प्रान्त प्रचारक माननीय मुरलीधर जी ने कहा कि विजयदशमी का दिन अधर्म, अन्याय, अत्याचार पर धर्म न्याय और नीति की विजय का दिन है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना का दिन भी है। संघ हिन्दु समाज के संगठन का एकमात्र प्रयत्न करता है जो भी समाज के कुछ लोगों को पसन्द नहीं है इसलिये वे अनर्गल बाते बनाते हैं।
उन्होने बताया कि दुनिया कितनी अनर्गल बातें करें पर संघ तो संघ ही है इसको समझना है तो संघ में आना होगा। इसकी कोई तुलना नहीं है। संघ एक ही समय में भारत के हर भारतीय के मन में राष्ट्रीयता जगाने वाला महाआन्दोलन है। संघ के संचलन से सज्जनशक्ति को आनन्द व समाज तोडने वाले दुर्जनों में भय व्याप्त होता है। संघ की शक्ति किसी को डराने या धमकाने के लिये नहीं वरन राम, कृष्ण, महाराणा प्रताप, शिवाजी के समान सद्व्यवहारिक जीवन की प्रेरणा देने वाली है। हिन्दु विचारधारा सर्व समावेशक है। हिन्दु कहता है जीवन अच्छे ढंग से जीओ पर अच्छा जीवन जीओ। श्रेष्ठ बनो विश्व को श्रेष्ठ बनाओ।
उन्होने बताया कि आज कुछ लोग पाश्चात्य संस्कृति के अनुसार जीवन जीना चाहते हैं, स्वतंत्रता के नाम व स्वच्छंदता का प्रदर्शन करते हैं। आज नियम, कानून व संविधान की परिधि में रहकर जीने की आवश्यकता है। 21वीं शताब्दी में हिन्दुत्व का विचार सम्पूर्ण विश्व का विचार बन रहा है, आवश्यकता है हम अपना जीवन अपनी संस्कृति के अनुरूप जीकर दिखायें। यहीं विजयदशमी का उद्देश्य है समाज को यशस्वी, स्वावलम्बी और सशक्त बनाना।
अध्यक्षता करते हुये जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय अजमेर के पूर्व विभागाध्यक्ष, चिंतक और लेखक डॉ. बृजेश माथुर ने कहा कि जीवन में खुशियां एक यात्रा है अंतिम पडाव नहीं है। लम्बी जिन्दगी के अपेक्षा गौरवपूर्ण छोटी जिन्दगी जीना अच्छा है। आदमी स्वयं का शिल्पी है। हमारे देश में बहुत महान लोग हुए परन्तु आज हम कहां है, यह विचार का विषय है। वर्तमान में भौतिक उन्नति बहुत हुई पर आध्यात्मिक और बौद्धिक उन्नति नहीं कर पा रहे हैं। बिना चरित्र के व्यक्ति का विकास वैसा ही है जैसा बिना जड का पौधा लगाना। हमारे ही दुश्मन है कुरीतियां, बुराइयां, जाति पांति, रूढिवादिता और गलत धारणा स्वंयसेवकों द्वारा इन्हें दूर करने की अपेक्षा है। हम स्वयं को अच्छा बनायेगें फिर समाज को अच्छा बनायेगें।
कार्यक्रम में प्रान्त संघ चालक जगदीश राणा, विभाग संघ चालक बसंत विजयवर्गीय और महानगर संघ चालक सुनीलदत जैन भी उपस्थित थे।
प्रथम पथ संचलन 10वीं व बड़ी कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थी, व्यवसायी और कर्मचारीगण का निकला जो राजकीय मोईनिया विद्यालय से आरम्भ हुआ। पथ संचलन क्लॉक टॉवर, कस्तूरबा अस्पताल, गाँधी भवन चौराहा, चूड़ी बाजार प्रवेश, गोल प्याऊ, नया बाजार चौपड़, आगरा गेट (गणेश मन्दिर), नसियाँ जी, महावीर सर्किल, गंज गुरूद्वारा, दिल्ली गेट, धान मण्डी, दरगाह शरीफ, नला बाजार, मदार गेट, कवंडसपुरा, अपना बाजार होते हुए वापस राजकीय मोईनिया इस्लामिया विद्यालय के मैदान पर सम्पन्न हुआ।
दूसरा बाल पथ संचलन राजकीय मोईनिया विद्यालय से आरम्भ होकर प्लाजा सिनेमा, झूलेलाल मन्दिर, हालानी दरबार, ठठेरा चौक, ऊसरी गेट, पद्म डेयरी, केसरगंज गोल चक्कर, डी.ए.वी. विद्यालय, केसरगंज पुलिस चौकी, पंजाब एण्ड सिन्ध बैंक तिराहे से पुनः राजकीय मोइनिया विद्यालय मैदान पर सम्पन्न हुआ।
निरंजन शर्मा
विभाग सह सम्पर्क प्रमुख
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