आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का प्रयोग

रेल यात्रियों की संख्या तथा व्यस्त मार्ग के के कारण अधिक रेल सेवाओं का संचालन किया जा सके और रेल यात्रियों के समय की बचत हो। इसी उद्देश्य से अजमेर मंडल पर दोहरीकरण का कार्य तीव्र गति से जारी है। इसके अंतर्गत मंडल के अजमेर-पालनपुर खंड पर भीनवालिया-रानी स्टेशनों के बीच लगभग 28 किलोमीटर रेल मार्ग के दोहरीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है व शीघ्र ही नॉन इण्टर लाकिंग कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा जिसके बाद इस दोहरीकृत मार्ग पर रेलगाड़ियाँ दोड़ने लगेंगी। नॉन
इस खण्ड के दोहरीकरण के पश्चात् इस खण्ड पर और अधिक ट्रेनो का संचालन सम्भव हो सकेगा। साथ ही इस मार्ग के रख रखाव हेतु रख रखाव ब्लॉक के अन्तर्गत अधिक समय उपलब्ध होगा जिससे रेल दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी। इस दोहरीकृत खंड के स्टेशनों पर अति आधुनिक कंप्यूटर आधारित सिग्नल प्रणाली लगाई गयी है जिससे की गाडिओं की कांटे तथा रूट सेटिंग एक कंप्यूटर के माउस की क्लिक से हो जाएगी। l इस प्रणाली को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के नाम से जाना जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली-
यह कंप्यूटर आधारित प्रणाली है, जो कि वीडयू के माध्यम से कंट्रोलिंग पॉइंट , सिग्नल, समपार फाटक आदि के लिए उपयोग किया जाता है। कम खराबी और खराबी का तुरंत निदान इस तकनीक के प्रमुख लाभ हैं। यह तकनीक ट्रेन ऑपरेशन में सुरक्षा बढ़ाएगी।इस तकनीक में समय भी कम लगेगा गाड़ियों के सिग्नल जल्दी मिलेगे जि ससे इस तकनीक की स्थापना के द्वारा सिस्टम में सुधार करना आसान है जैसे कि लाइन की संख्या में बढ़ोतरी या स्टेशन यार्ड में कोई अन्य बदलाव।
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इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली के अन्तर्गत डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया है। मौजूदा सिग्नल के अलावा इस सिग्नलिंग में आउटर सिग्नल के संकेत इनर सिग्नल से 1 किमी पहले स्थित होते हैं। दोनों आउटर सिग्नल और आउटर सिग्नल अनुमोदक संकेत (permissive signals) होते हैं और गाड़ियों को हमेशा इसके सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक संकेतों के माध्यम से ही संचालित किया जाता है
डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग सिस्टम के फलस्वरूप ट्रेन ड्राइवर स्टेशन के बहुत पहले सिग्नल सिग्नल को देख पाएंगे , इससे ट्रेन की गति को बनाए रखने में मदद मिलेगी और ट्रेन संचालन में सुरक्षा पहलू में भी बढ़ोतरी होगी। इस व्यवस्था के तहत् चेतावनी (वार्निग) सिगनल बोर्ड की आवश्यकता नहीं होती। इस डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग सिस्टम के फलस्वरूप इस खंड पर गाड़ियाँ की गति को बढ़ाया जाना संभव हो सकेगा ।

वरिष्ठ जनसंपर्क निरीक्षक अजमेर

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