रालोपा के अजमेर संभाग प्रभारी एडवोकेट विजय पाल चौधरी ने सांसद कर्नल सोनाराम के आरोपो पर प्रेसवार्ता करके किया पलटवार उन्होने कहा कि RLP को लेकर समय समय पर आने वाले भ्रामक बयान से कार्यकर्ता विचलित न हो। आज किसी को भी मीडिया में सुर्खियां बनना हो तो वह रालोपा का नाम ले ले, यही काफी है। फिर उसका नाम सोशल मीडिया में ट्रेंड होने के साथ टीवी अखबार में भी छप जाएगा।
ताजा बयान में विधानसभा चुनाव के दरम्यान हनुमान बेनीवाल और वसुंधरा राजे के बीच सांठगांठ की चर्चा है। राजस्थान के बच्चे बच्चे को पता है कि फिलवक्त प्रदेश की राजनीति में वसुंधरा राजे का धुर विरोधी गर कोई है तो वह हनुमान बेनीवाल है! ऐसे में उनके बीच मिलीभगत का सवाल ही पैदा नही होता!
कार्यकर्ता ऐसे बयान को ज्यादा तवज्जो न दे। अक्सर आपने सुना होगा कि रालोपा और हनुमान बेनीवाल ने चुनाव में पार्टियों से पैसे ले लिए। कोई अमित शाह, कोई कांग्रेस, कोई वसुंधरा, कोई आरएसएस, जिसको जो जल्दी याद आए वह उसका नाम लेकर 100-150 करोड़ रु लेने का आंकड़ा बता देता है। जबकि सभी कार्यकर्ता भली भांति जानते हैं कि किस मेहनत से उन्होंने हुंकार रैलियों में भाग लिया। बिना एक पैसा खर्च किए लाखो की भागीदारी जुटाई। पूरे चुनाव में RLP पैसे की कमी से झुंझती रही। यहां तक की स्टार प्रचारकों के लिए एक भी गाड़ी या होटल में रूम तक की व्यवस्था नही थी। फिर भी आरोप लगाने वाले करोड़ो से कम नही बताते।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के लिए एक नागनाथ तो दूसरा सांपनाथ जैसा है। लोकसभा चुनाव और उसके बाद पंचायत राज, नगर निकाय चुनाव RLP पूरी ताकत से लड़ेगी जिससे 2018 में अधूरा रहा मिशन 2023 में पूरा किया जा सके।