प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना : 24 को होंगे कार्यक्रम

अजमेर, 21 फरवरी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शुभारम्भ 24 फरवरी को जिले के जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रमों के साथ होगा। योजना के तहत पोर्टल भी लॉच किया गया है।
जिला कलक्टर श्री विश्व मोहन शर्मा की अध्यक्षता में गुरूवार सांय प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की तैयारियों के संबंध में कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन हुआ। जिला कलक्टर ने बताया कि भारत सरकार द्वारा लघु एवं समीमांत कृषकों को प्रत्यक्ष संबंधी सहायता आय सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएमकेआईएसएएन) योजना प्रारम्भ की गई है। योजना के प्रभावी निरीक्षण समस्त उपखण्ड अधिकारियों द्वारा उपखण्ड स्तर पर किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि योजना का राज्य में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए डीओआईटीएण्डसी के द्वारा लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल तैयार किया गया है। योजना का तहत लघु एवं सीमान्त कृषक परिवार एक ऎसा परिवार होगा जिसमें पति, पत्नि तथा अवयस्क बच्चे सम्मिलित है, जिनके पास राज्य /केन्द्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से दो हैक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व हो। पात्र लघु एवं सीमान्त कृषक को ही योजना का लाभ देय होगा। पात्रताधारी लघु एवं सीमान्त कृषक किसी भी ई मित्र केन्द्र पर जाकर लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल पर कृषक के आधार नम्बर के जरिए ऑनलाईन आवेदन कर सकेगा। कृषक द्वारा ऑनलाईन फॉर्म पूर्ण किए जाने पर अपनी सहमति स्वरूप आवेदन पर आधार के माध्यम से ई साईन करेगा। उन्होंने बताया कि कृषक के आधार नम्बर का उपयोग इस योजना के क्रियान्वयन एवं प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण के लिए तथा भविष्य में इस प्रकार के अन्य प्रत्यक्ष लाभ हस्तान्तरण हेतु कृषक के आधार नम्बर को भू- राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने हेतु कृषक की ऑनलाईन सहमति भी चाही गयी है ताकि केन्द्र /राज्य सरकार एवं उसकी सहायक एजेंसियां वास्तविक लाभार्थी चयन कर सके।
जिला कलक्टर ने बताया कि ई मित्र केन्द्र ऑनलाइन आवेदन पत्र पूर्ण करने एवं आधार आधारित प्रमाणीकरण एवं उसका प्रिन्ट आउट देने के लिए 25 रूपए शुल्क निर्धारित किया गया है जो कि काश्तकार स्वयं भुगतान करेगा। कृषक के द्वारा पोर्टल के माध्यम से किया गया आवेदन ऑनलाइन ही संबंधित पटवारी के पास तत्काल पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले की 6 तहसीले ऎसी है जहां पर कृषकों के भू अभिलेखों का डिजिटलाईजेशन हो चुका है, उनमें संबंधित पटवारियों को राजस्व मोबाइल एप के माध्यम से मोबाइल पर ऑनलाइन आवेदन उपलब्ध हो सकेगा। राज्य की शेष तहसीलों में पटवारी को यह सुविधा डेस्कटॉप पर उसकी एसएसओआईडी में उपलब्ध होगी। कृषक के द्वारा प्रस्तुत ऑनलाइन आवेदन के विवरण की जांच पटवारी अपने भू अभिलेखों से मिलान कर करेगा। यदि वह विवरण सही पाया जाता है तो उस रिकार्ड को ऑनलाइन ही प्रमाणित करेगा। जिसकी सूचना संंबधित आवेदनकर्ता को उसके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि पटवारी स्तर पर कृषक विशेष का आवेदन निरस्त किए जाने की स्थिति में कृषक द्वारा 7 दिवस में अपील संबंधित तहसीलदार को की जा सकेगी जिस पर तहसीलदार सुनवाई उपरान्त युक्तियुक्त निर्णय करेंगे। लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल के माध्यम से कृषक को प्रत्येक स्तर पर उसके पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उपखण्ड अधिकारी उनके उपखण्ड क्षेत्र में सतत् निगरानी सुनिश्चित करेंगे कि उक्त कार्य पूर्णत पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हो तथा पात्र कृषकों की सूची तहसीलदार द्वारा पीएमकेआईएसएएन पोर्टल पर अपने डिजिटल हस्ताक्षरों से यथासमय अपलोड किए जाने की सुनिश्चितता भी करेंगे। राज्य स्तर से सभी तहसीलदारों को लघु सीमान्त कृषक सेवा पोर्टल से प्राप्त ऎसे किसानों के आवेदन जिनकों पटवारी द्वारा प्रमाणीकरण कर दिया गया है, वह प्रतिदिन उपलब्ध करवाया जाएगा। जिसे तहसीलदार अपने रिकार्ड से पुनः तस्दीक कर पीएम किसान पोर्टल पर अपने डिजिटल हस्ताक्षरों से अपलोड करेंगे।
बैठक में संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

ओरल पोलियो वैक्सीन खुराक 24 को पिलायी जायेगी
अजमेर, 21 फरवरी। उर्स पोलियों विशेषगतिविधि के तहत् 24 फरवरी को अजमेर शहर व पेराफेरी क्षैत्र घूघरा, कायड़ में दो बूंद ओरल पोलियो वैक्सीन खुराक पिलाकर प्रतिरक्षित किया जायेगा।
जिला मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रामलाल ने बताया कि 24 फरवरी को 371 बूथों पर 1264 नियुक्त वैक्सीनेटरों एवं 102 ट्राजिट टीमों में नियुक्त 204 वैकसीनेटरों तथा 24 मोबाईल टीमों में नियुक्त 48 वैक्सीनेटरो द्वारा 0-5 वर्ष आयु तक के कुल 99839 बच्चों को दो बूंद ओरल पोलियो वैक्सीन खुराक पिलाकर प्रतिरक्षित किया जायेगा। प्रथम दिवस पोलियो की दवा पीने से वंचित रहे बच्चों को 25 व 26 फरवरी को द्वितीय व तृतीय दिवस 1256 घर-घर भ्रमण टीमों में नियुक्त 2512 वैक्सीनेटरों द्वारा दो बूंद ओरल पोलियो की दवा पिलाकर प्रतिरक्षित किया जायेगा। इनके निगरानी हेतु 73 सुपरवाईजर प्रति दिवस नियुक्त किये गये है।
उन्होंने बताया कि 807 वां उर्स का झण्डा 3 मार्च 2019 को चढ़ने के साथ ही अभियान के तहत उर्स समाप्ति तक रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड, दरगाह शरीफ क्षेत्र, कायड़ विश्राम स्थली तथा अजमेर शहर के सभी प्रवेश मार्गो में जायरीनों के साथ आने वाले 0 से 5 वर्ष के सभी बच्चों को पोलियो की अतिरिक्त खुराफ पिलाकर प्रतिरक्षित किया जायेगा। अजमेर व सरवाड़ शहर में कुल 10 ट्राजिट पाइन्ट बनाये गये है जहां जायरीनो की आवक एवं ठहराव होता है। जायरीनो की आवक के अनुसार 44 ट्राजिट बूथों में नियुक्त 368 वैक्सीनेटर एवं 32 सुपररवाईजर्स के सहयोग से जायरीनो के साथ आने वाले 0 से 5 वर्ष के सभी बच्चों को पोलियो की अतिरिक्त खुराक पिलाकर प्रतिरक्षित किया जायेगा। रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड एवं सरवाड़ में ट्राजिट टीमें निरन्तर 24 घण्टे कार्यरत रहेंगें।

उन्होंने बताया कि 10 मार्च को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पल्स पोलियो टीकाकरण दिवस के अन्र्तगत अजमेर शहर के अतिरिक्त सम्पूर्ण जिले में पल्स पोलियो गतिविधि आयोजित की जायेगी जिसके तहत् प्रथम दिवस दिनांक 10 मार्च को 1764 बूथों पर नियुक्त 5234 वैक्सीनेटरो 68 ट्राजिट टीमो में नियुक्त 136 वैक्सीनेटरों 12 मोबाईल टीमों मे नियुक्त 24 वैक्सीनेटरों द्वारा 0-5 वर्ष के 362192 लक्षित बच्चो को पोलियो की दवा पिलाकर शत-प्रतिशत उपलब्धि अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने अजमेर शहर-वासियों से अपील की है कि वे अपने के 0-5 वर्ष आयु तक के सभी बच्चों को 24 फरवरी को आयोजित उर्स पल्स पोलियों विशेष गतिविधि अभियान के तहत् बूथों पर पोलियो की दवा पिलावाकर प्रतिरक्षित करावें।

आरोग्य मेले में यूनानी चिकित्सा
अजमेर, 21 फरवरी। अजमेर शहर के आजाद पार्क में चल रहे आरोग्य मेले में यूनानी चिकित्सा के राजस्थान के विभ्नि्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञ अपनी सेवाए दे रहे है जिनमें चर्म रोग, जोड़ों का दर्द, लीवर, पेट रोग व अन्य रोगों का सफलता पूर्वक ईलाज किया जा रहा है। नोडल अधिकारी डॉ. नजम जकी व सहायक नोडल अधिकारी डॉ. नवाजुल हक ने बताया कि यूनानी चिकित्सा एक प्राचीन पद्धति है जिससे बगैर साईड इफेक्ट के नेचुरल तरीके से ईलाज किया जाता है। इससे पुराने से पुरान असाध्य रोगों का भी सफलता पूर्वक ईलाज किया जा रहा है। हिजामा (कपिंग थेरेपी) यूनानी चिकित्सा की एक विशेष थैरेपी है जिसे जोड़ों व मस्क्यूलर दर्द जैसे गर्दन का दर्द, कमर का दर्द, स्लिम डिस्क, सियाटिका, घुटनों के दर्द इत्यादि बीमारियों का सफलता पूर्वक ईलाज किया जा रहा है और सैकड़ों लोग दर्द से छुटकारा पर रहे है।

कपिंग थैरेपी डॉ. मनमोहन खींची, डॉ. सरफराज अहमद, डॉ. फिरोज खान, डॉ. नाजिया खान ने बताया कि बिना औषधि के कपिंग थैरेपी से दर्द का ईलाज किया जा रहा है। यूनानी चिकित्सा में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. निसार खान, डॉ. महबूब अख्तर, डॉ. मोहम्मद रोशन, डॉ. शमशुद्दीन व डॉ. सीमा फरूकी अपनी सेवाए दे रहे है।

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