सुब्बाराव ने दिया अनेकता में एकता और सर्वधर्म समभाव का संदेश

अजमेर, 15 जून। भारत एक विशाल देश है, जहां हजारों सालों से विभिन्न धर्मो ने अनेकता में एकता, सर्वधर्म समभाव और अपने भीतर ही ईश्वर को ढूंढने का संदेश दिया है। नफरतों के इस दौर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार और दर्शन ही एक मात्र सहारा है। जिससे पूरी दुनिया शान्ति के पथ पर आगे बढ़ सकती है। आज पूरा विश्व महात्मा गांधी के बताये रास्ते पर चलने के लिए आतुर है। युवाओं को उनसे सीख लेकर आगे बढ़ना होगा।
यह विचार सुविख्यात गांधीवादी एवं राष्ट्रीय युवा योजना प्रोजेक्ट के अध्यक्ष श्री एस.एन.सुब्बाराव ने आज शाम मदार गेट पर आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा और भारत की संतान कार्यक्रम में व्यक्त किए। महात्मा गांधी की शान्ति और सादगी की विरासत का झण्डा उठाए 91 साल के युवा श्री सुब्बाराव को सुनने के लिए बड़ी संख्या में युवा एकत्र हुए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में बारिश के बावजूद लोग शहर के मुख्य बाजार में जमे रहे।
श्री सुब्बाराव ने कार्यक्रम की शुरूआत हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन,बौद्ध, पारसी, यहूदी एवं अन्य धर्र्माें की प्रार्थना से की। उन्होंने कहा कि सैकड़ों हजारों साल पुराने हमारे धर्म हमें सिखाते हैं कि ईश्वर को पाना है, उसे जानना, समझना हैं तो हमे अपने भीतर झांककर देखना होगा। कोई भी धर्म हमे यह नहीं सिखाता कि दूसरे से नफरत करों। विश्व में शान्ति के लिए हमें अपने धर्मों की इस प्राचीन सीख को आत्मसात करना होगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसा और शान्ति के मार्ग की सर्वाधिक आवश्यकता है। युवा गांधी को जानें और समझे तो उनके बताए मार्ग पर चलना बेहद आसान हो जाएगा। भारत की आजादी के बाद विश्व में कई राष्ट्र आजाद हुए और उनके नेताओं ने भी गांधी के बताए मार्ग पर चलकर ही सफलता हासिल की। नफरत और हिंसा समस्या का हल नहीं है। सफलता पानी है तो गांधी की तरह दृढ़ होकर डटे रहना होगा।
उन्होंने कहा कि नौजवान ही देश में एकता और शान्ति लाएंगे। श्री सुब्बाराव ने पर्यावरण रक्षा का संदेश देते हुए कहा कि भगवान शंकर ने संदेश दिया कि सारा जहर पेड़ बनकर ही समाप्त किया जा सकता है। लोगों के दिल और दिमाग जोड़ने की जरूरत है। विश्व में कई राष्ट्रों में महात्मा गांधी का संदेश और उनके जीवन चरित्र से सीख लेकर नई पहल की जा रही है। हमारे देश में ऎसी ही शुरूआत की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि दुनिया में परिवर्तन चाहते हो तो अपने आप से शुरूआत करो।
कार्यक्रम में महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला समन्वयक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती, पूर्व विधायक श्री ललित भाटी, श्री विजय जैन, पूर्व विधायक श्रीमती नसीम अख्तर इंसाफ, श्री महेन्द्र सिंह रलावता, युवा समन्वयक श्री शक्ति प्रताप सिंह राठौड़, श्री सौरभ बजाड़, राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम.एल.अग्रवाल एवं श्री उमेश शर्मा आदि सहित बड़ी संख्या एवं शहरवासी उपस्थित थे।

अनेकता में एकता का संदेश दे गया सांस्कृतिक कार्यक्रम
महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम अनेकता में एकता का संदेश दे गया। श्री सुब्बाराव के साथ आए 18 राज्यों के युवाओं ने अपने-अपने प्रदेश की प्रस्तुति देकर सभी मन मोहा। भारत की संतान कार्यक्रम के तहत सभी राज्य के युवाओं ने अपने -अपनी भाषाओं में प्रस्तुति दी। इसके पश्चात सद्भावना पदयात्रा मदार गेट से राजकीय महाविद्यालय तक निकाली गई। राजकीय महाविद्यालय में श्री सुब्बाराव ने बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा की।

सैकड़ों डाकुओं आत्मसमर्पण कराने वाले श्री सुब्बाराव
सुविख्यात गांधीवादी एवं राष्ट्रीय युवा योजना प्रोजेक्ट के अध्यक्ष श्री एस.एन.सुब्बाराव ने गांधी के विचारों के साथ अपने जीवन का लम्बा समय चम्बल के बीहड़ों में काटा है। उन्होंने हिंसा का रास्ता अपनाकर समाज की मुख्यधारा से अलग होने वाले सैकड़ों बागी डाकुआें को अहिंसा एवं शान्ति की सीख देकर आत्मसमर्पण कराया। आज वे सभी डकैत समाज की मुख्यधारा में अपने-अपने क्षेत्र में शान्तिदूत बनकर जीवन यापन कर रहे हैं।

पुष्कर दर्शन एवं दरगाह जियारत
श्री सुब्बाराव के साथ आए गांधी कार्यकर्ताओं ने आज पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा मन्दिर दर्शन एवं सरोवर पूजन किया। इसके पश्चात उन्होंने अजमेर में सूफी संत मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत की।

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