1220 एकासन व्रत की आराधना सम्पन्न

अजमेर 2 अक्टूबर। जैनाचार्य श्री विजयराजजी म.सा. की 61 वीं जन्म जयंति पर आयोजित पंच दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिन लगभग 1220 श्रद्धालुओं ने एकासन व्रत की आराधना की। एकासन व्रत करने वालों ने सिर्फ दिन भर में एक बार एक जगह बैठकर भोजन किया। अजमेर शहर में इतनी बड़ी संख्या में एक साथ एकासन व्रत पहली बार होने से जैन समाज में चर्चा का विषय रहा।
मुख्य कार्यक्रम प्रात: 9.00 बजे प्रारम्भ हुआ। मुनिश्री जाग्रत मुनि जी म.सा. ने कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए आचार्य श्री के जीवन की सरलता को घटना के माध्यम से रेखांकित किया।
मुनि श्री नवीन प्रज्ञजी म.सा. ने मणिपुंज सेवा संस्थान में श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरल एवं सहज हृदय में ही धर्म का निवास होता है। छल-कपट, मायाचारिता से युक्त हृदय से धर्म की आराधना नहीं हो सकती।
मुनि श्री ने आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के जीवन दर्शन पर बोलते हुए कहा कि वे सरलता एवं सहजता की प्रतिमूर्ति है अमीर-गरीब, छोटे-बड़े के भेदभाव से रहित मानव मात्र के कल्याण के लिये समर्पित है। विश्व में शांति, राष्ट्र की सुरक्षा, प्राणीमात्र में प्रेम भाव बढ़ाने हेतु ही आपके प्रवचन होते है।
समारोह में श्रीमती सुनीता खाब्या, शिवराज प्रजापत, सुनीता पीपाड़ा, शुभम गादिया, विमल पारलेचा, अनिता सकलेचा, शकुन्तला गोपावत नीमच एवं शांत क्रांति महिला संघ ने गीतिका प्रस्तुत कर श्रद्धा-भक्ति अर्पित की। श्रद्धालुओं ने विजय गुरू चालीसा के सामुहिक पाठ से श्रद्धा की अभिव्यक्ति दी।
सामुहिक एकासन के लाभार्थी शांत क्रांति संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. श्री धर्मीचंदजी कोठारी के परिजन श्रीमती इन्द्रा कोठारी, सुनील कुमार, अनिल कुमार, राजेन्द्र कुमार कोठारी का श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से सम्मान किया गया।
11 भाग्यशालियों को रजत मुद्रा द्वारा ताराचंद कर्नावट, भीखमचंद पीपाड़ा, अनिल कोठारी, कैलाश गैलड़ा, श्रीमती संतोष कोठारी, श्रीमती मंजू कांठेड़ के कर-कमलों द्वारा सम्मानित किया गया।
समारोह में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने 61 दिन रात्रि भोजन त्याग, जमीकंद त्याग एवं स्वाध्याय, मौन का संकल्प लिया, वहीं अनेक तपस्वियों ने वर्ष भर में 61 दिन उपवास, एकासन, नीवी, पोरसी आदि तप करने का संकल्प लिया। समारोह का सफल संचालन कैलाशचंद गैलड़ा ने किया।
समारोह में 18 श्रद्धालुओं ने ली श्रावक दीक्षा
पंच दिवसीय जन्म जयंति महोत्सव के चौथे दिन 18 श्रद्धालुओं ने 12 व्रत ग्रहण कर श्रावक दीक्षा ग्रहण की। मुनि श्री नवीनप्रज्ञजी म.सा. ने श्रावक जीवन का महत्त्व एवं उपयोगिता बताकर श्रद्धालुओं को विधि विधान के साथ श्रावक दीक्षा प्रदान कर श्रावक जीवन में प्रवेश कराया। श्रावक दीक्षा सम्पन्न होते ही पुरा हॉल केसरिया-केसरिया आज हमारो रंग केसरिया से गुंज उठा। भगवान महावीर के जयकारों से उपस्थित जनसमुदाय ने श्रावक दीक्षा महोत्सव की अनुमोदना की।
मुम्बई संघ ने की चातुर्मास की विनंति
समारोह में श्री साधुमार्गी शांत क्रांति संघ मुम्बई के अध्यक्ष श्री नरेन्द्रजी विराणी के नेतृत्व में 60 सदस्यों का शिष्ट मण्डल ने मुनि श्री के चरणों में चातुर्मास की विनंति की। संघपति श्री दिलीपजी ढ़ाबरिया एवं श्रीमती विद्याजी ढ़ाबरिया का सम्मान किया गया। अशोक बाफणा ने आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। लुधियाना से विनय जैन के नेतृत्व में 20 सदस्यों के शिष्ट मण्डल ने भी चातुर्मास की विनंति की।
उक्क्त जानकारी श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के कोषाध्यक्ष अनिल कोठारी ने दी।

अनिल कोठारी
मो. : 9829071614

error: Content is protected !!