देवनानी ने कहा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ विश्व में सबसे बड़ा सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन है जो सन् 1925 से भारत की रीति-नीति, संस्कृति, साहित्य व राष्ट्रीयता की भावना का प्रचार-प्रसार करने के दायित्व को निभाता आया है। संघ का का काम राजनीति नहीं बल्कि संघ का उद्धेश्य समाज के तंत्र को मजबूत करना है ताकि समाज का सर्वांगीण विकास हो सके और विकास का लाभ समाज के हर वर्ग को मिल सके। व्यक्ति में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने के साथ ही समाज को संस्कारवार व गुणवान बनाते हुए भारत को उन्नति के शिखर पर ले जाने का मकसद है संघ का।
उन्होंने कहा कि देश में कभी भी कोई राष्ट्रीय आपदा आई हो संघ के स्वंयसेवकों ने राहत और बचाव का काम सबसे आगे होकर किया है। 1962 व 65 के युद्ध में सेना की हरसम्भव मदद के साथ ही देश के अन्दर कानून व्यवस्था सम्भालने की जिम्मेदारी भी संघ ने बखूबी निभाई थी। कश्मीर के विलय में भी संघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विभाजन के समय जान बचाकर आए शरणार्थियों को आश्रय उपलब्ध कराने सहित देश में घटित हर छोटी-बड़ी घटना में संघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को अपने बेटे की हार के सदमे के साथ ही राष्ट्रवाद व संघ के फोबिया से बाहर निकलकर प्रदेश के विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है।