देवनानी ने जेएलएन के शिशु रोग विभाग की देखी व्यवस्थाएं

अजमेर, 6 जनवरी। विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने सोमवार को जेएलएन चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में जाकर वहां की व्यवस्थाएं देखी। उन्होने वार्ड में भर्ती शिशुओं व बच्चों की माताओं व परिजनों से भी मुलाकात की तथा अस्पताल की व्यवस्थाओं व चिकित्सकों द्वारा किये जा रहे ईलाज के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिये कि अस्पताल में भर्ती बच्चों की एक भी माॅ की कोख सूनी नहीं होनी चाहिए।
विधायक देवनानी ने बताया कि वे पिछले पांच दिवस से अजमेर से बाहर थे इस दौरान समाचार पत्रों से जानकारी मिली कि कोटा के सरकारी अस्पतालों की तरह अजमेर के जेएलएन चिकित्सालय में भी गत दिनों बच्चों की मौते हुई। उन्होंने सोमवार को अजमेर पहुंचते ही अस्पताल के शिशु रोग विभाग का दौरा कर अस्पताल प्रशासन व विभागाध्यक्ष को पूर्ण सतर्कता व सावधानी बरतने के निर्देश दिये कि कोटा जैसे हालात अजमेर में उत्पन्न नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोटा हो या अजमेर, किसी भी अस्पताल में एक भी बच्चें की मौत होना बेहद दुखद बात है।
उन्होंने बताया कि अजमेर के संभागस्तरीय चिकित्सालय की नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में मात्र 35 बेड है जबकि प्रदेश के अन्य चिकित्सालयों में 100 से अधिक बेड है। बेड कम होने से कई बार एक बेड पर एक से अधिक शिशुओं को भी रखा जाता है जिससे संक्रमण का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि वे एनआईसीयू में बेड बढ़ाने के लिए चिकित्सा मंत्री से आग्रह करेंगे।
देवनानी ने बताया कि शिशु रोग विभाग का भवन भी बहुत पुराना हो चुका है जिसमें जगह-जगह सीलन हो रही है। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से सीलन को दूर करने के लिए भवन की आवश्यक मरम्मत कराने के निर्देश दिये साथ ही भवन का विस्तार करते हुए नव निर्माण हेतु प्रस्ताव सरकार को भिजवाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि भवन के विस्तार हेतु वे भी स्मार्ट सिटी योजना के अध्यक्ष व चिकित्सा मंत्री से आग्रह करेंगे।
उन्होंने कहा कि गत दिनों में प्रदेश के अस्पतालों में बच्चों की मौतों का आकड़ा बढ़ा है जो कि बहुत ही संवेदनशील विषय है। राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए साथ ही अस्पताल प्रशासन, चिकित्सकों व जनप्रतिनिधियों को मिलकर व्यवस्थाओं में सुधार के प्रयास करने चाहिए ताकि किसी माॅ की कोख सूनी ना हो पाए। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से कहा कि शिशु रोग विभाग में किसी भी प्रकाश के चिकित्सीय संसाधनों की आवश्यकता हो तो उनके विधायक कोष से सहयोग लिया जा सकता है।

सरकार के मंत्रियों में आपसी खींचतान का खामियाजा भुगत रही जनता –
देवनानी ने कहा कि पिछले दिनों सरकार के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व चिकित्सा मंत्री के बयानों में जिस प्रकार विरोधाभाष नजर आया उससे स्पष्ट है कि सरकार के मंत्रियों की आपसी खींचतान का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
इस दौरान मेडिकल काॅलेज प्राचार्य डाॅ. , अधीक्षक डाॅ. अनिल जैन, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. पुखराज जैन भी उनके साथ मौजूद रहे।

जेएलएन में डायलिसिस व्यवस्था हुई फेल, अस्पताल प्रशासन उठाये आवश्यक कदम
सरकार लगाए अपनी मशीनें व नियुक्त करे स्टाॅफ

विधायक देवनानी ने बताया कि उन्हें कुछ मरीजों से फोन पर जानकारी मिली कि जेएलएन अस्पताल में पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस व्यवस्था भी फेल हो रही है। सम्बंधित फर्म ने अस्पताल में 10 मशीनें स्थापित की थी जिनमें से पिछले दिनों 4 मशीने अस्पताल प्रशासन को बिना बताए हटा ली तथा शेष 4 मशीनों को बन्द कर दिया व केवल 2 मशीनों से ही डायलिसिस की जा रही है। अस्पताल प्रशासन द्वारा डायलिसिस के मरीजों को आदर्शनगर स्थित निजी चिकित्सालय में भेजा जा रहा है जिससे मरीजों को भारी असुविधा हो रही है।
देवनानी ने इस सम्बंध में मेडिकल काॅलेज प्राचार्य व अस्पताल अधीक्षक से चर्चा की। उन्होंने बताया कि सम्बंधित फर्म द्वारा एम.ओ.यू. की शर्तो का उल्लंघन करने पर फर्म को दी जाने वाली राशि में नियमानुसार कटौति की गई जबकि फर्म ने काटी गई राशि पर अपना हक बताते हुए मामले को कोर्ट में चुनौति दी है साथ ही अस्पताल से मशीने उठाकर डायलिसिस कार्य में बाधा उत्पन्न कर दी है। देवनानी ने कहा कि इस सम्बंध में अस्पताल प्रशासन राज्य सरकार को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए शीघ्र आवश्यक कदम उठायें तथा मरीजों को डायलिसिस की सुविधा मुहैया कराये तथा फर्म व अस्पताल प्रशासन के मध्य विवाद का खामियाजा मरीजों को ना उठाना पड़े।
उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार से आग्रह करेंगे कि प्रदेश के अन्य चिकित्सालयों की भांति अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भी डायलिसिस की मशीने व विभाग के चिकित्सक व प्रशिशित स्टाॅफ की नियुक्ति की जाए ताकि मरीजों को यहां पर निर्बाध रूप से ईलाज की सुविधा मिल सके।

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