राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत का व इस सरकार के मंत्रियों का ब्।। पर ध्यान है लेकिन माताओं की उजड़ रही कोख पर नहीं। उक्त उद्गार भारतीय जनता पार्टी अजमेर देहात के जिला अध्यक्ष व पूर्व विधायक देवी शंकर भूतड़ा ने प्रेस वार्ताओं में कहते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिक संशोधन विधेयक के द्वारा सात दशक से अधूरे कार्य को पूर्ण कर पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश से आये शरणार्थी भाइयों को अपने ही देश में अमानवीय झेल रहे अपमान से मुक्ति दिलाकर मानवीय कार्य किया जो कि अभिनंदनीय है।
सिटीजन अमेन्डमेंट एक्ट, एन.आर.सी. और एन.आर.पी. को लेकर समाज के एक वर्ग में कांगेे्रस व उनके साथी दलों द्वारा ‘‘भय व भ्रम‘‘ का भूत खड़ा किया जा रहा है। ‘‘झूठ के झाड़ में सच का पहाड़ छिपाने की कोशिश की जा रही है जबकि यह कानून देश के किसी भी नागरिक व नागरिकता को छीनने वाला नहीं है बल्कि नागरिकता देने वाला है।
भूतड़ा ने यह कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में 2014 से लेकर अब तक लेखा जोखा देखें तो एक वाक्य में कहा जा सकता है कि यह सरकार ‘‘समावेशी सशक्तिकरण, सर्वस्पशी समृद्धि को समर्पित रही है‘‘ बिना भेदभाव, बिना धर्म जाति देखें हर वर्ग हेतू कार्य कर रही है। विपक्ष अल्पसंख्यकों कों डरा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि देश में दो करोड़ गरीबों को घर दिये तो उसमें 31ः 6 लाख गांवों में बिजली दी। उसमें 39: व 22 करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधी से लाभ मिला तो उसमें 37ः व 21 करोड़ मुद्रा योजना के तहत व्यवसाय ऋण मिला तो उसमें 36ः का लाभ इन सभी योजनाओं से अल्पसंख्यक वर्ग को मिला। लेकिन ‘‘गुमराही गेंग‘‘ ‘‘अनेकता में एकता‘‘ की ताकत को तार तार करने की आपराधिक साजिश कर रही है जो कि निदंनीय है। दुर्भाग्य है कि राजस्थान के मुख्य मंत्री इस विषय को लेकर सड़कों पर मार्च कर रहे है व देश को टुकड़े टुकड़े होने की बयानबाजी कर शांत राजस्थान का माहौल खराब कर रहे है जबकि उन्हें राजस्थान में त्राहिमान त्राहिमान कर रही जनता की समस्याओं के निदान में व मूलभूत सुविधाओं को देने में ध्यान देना चाहिए।
पिछले दिनों कोटा, जोधपुर व हाल ही में अजमेर में बच्चों की मौतों से पूरा प्रदेश दुखी है तो उस समय स्वयं व उनके मंत्रियों द्वारा गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे है जो कि अफसोसजनक है इस एक साल में राजस्थान का विकास अवरूद्ध कर दिया है तो भाजपा के शासन में चल रही विकास योजनाओं को बन्द कर या उसकी राशि अन्यत्र स्थानान्तरित कर विकास में रोड़ा बने हुए है।
अपने घोषणा पत्र के अनुसार न तो शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दे सके न ही भत्ता। इसके साथ किसान भी ़ऋण मुक्ति की आस लगाये बैठे है तो प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है साथ ही राज्य के कर्मचारीयों को जुलाई माह में मंहगाई भत्ते का सब्ज बाग दिखाकर आज तक नहीं दिया जो उनके हितों पर कुठाराघात है।
बेशर्मी का आलम तो यह है कि कांग्रेस के जन घोषणापत्र 2009 में कहा गया था कि पड़ौसी देशों के प्रताड़ित होकर आए हिन्दू, सिख, ईसाई, पारसी व जैन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जायेगी। कांग्रेस ने तो यह काम नहीं किया। मोदी जी ने कर दिखाया तो अब अशोक जी गहलोत हल्ला मचाकर राजस्थान को गुमराह कर रहे है।
भूतड़ा ने सरकार से आग्रह किया कि नागरिक संशोधन विधेयक पर जनता को गुमराह करना बंद करें और राजस्थान के विकास व जनता की मूलभूत समस्याओं के निदान पर कार्य करें।