निजी विद्यालय 3 माह की फीस माफ करे- देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 7 अप्रेल।
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न महा-आपदा के दौरान लाॅकडाउन की अवधि में लोगों के काम-धंधे सब बन्द है ऐसी स्थिति प्रदेश के समस्त विद्यालयों को माह अप्रेल से जून तक 3 माह का विद्यालय शुल्क माफ करना चाहिए। देवनानी ने कहा कि इस सम्बंध में शिक्षा मंत्री को शीघ्र आदेश जारी करने चाहिए कि प्रदेश में राजस्थान बोर्ड व केन्द्रीय बोर्ड से सम्बद्ध समस्त विद्यालय 3 माह की फीस अभिभावकों से ना वसूले।
पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों के साथ ही प्राईवेट नौकरी करने वाले तथा छोटे व्यवसायी व दुकानदार भी आर्थिक संकट के हालातों से गुजर रहे है। वर्तमान परिस्थितियों में जब उन्हें रोजाना का राशन जुटाना मुश्किल हो रहा है तब बच्चों की फीस जमा कराना उनके लिए बहुत मुश्किल है। जबकि अधिकांश निजी स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों के घरों पर शुल्क जमा कराने के लिए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है जिससे अभिभावक तनाव में है।
देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में शीघ्र ही निर्णय लेते हुए अभिभावकों के हित में आदेश जारी करने चाहिए जिससे उनकी चिन्ता मिट सके साथ ही सेन्ट्रल बोर्ड की तरह कक्षा 1 से 9 व 11 के विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट करने के आदेश भी तत्काल जारी करने चाहिए।

कांग्रेस कार्यकर्ता राज्य कार्मिकों को ना करे प्रताड़ित- देवनानी
अजमेर, 7 अप्रेल।
विधायक अजमेर उत्तर वासुदेव देवनानी ने कहा कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे व सेवाए दे रहे राज्य कर्मचारियों को कांगेेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रताड़ित ना करे। उन्होंने कहा कि सत्ता के मद में चूर कांग्रेस के कार्यकर्ता कोरोना फाईटर के रूप में कार्य कर रहे राज्य कर्मचारियों का मनोबल गिरा रहे है जो कि निन्दनीय नहीं है।
विधायक देवनानी ने कहा कि सोमवार को अजमेर में कांग्रेस के पूर्व विधायक द्वारा पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक के साथ जो व्यवहार किया गया उसे शोभनीय नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें पशुपालन विभाग की रिपोर्ट पर कोई संदेह था तो उसकी जांच कराई जा सकती थी जबकि पूर्व विधायक जयपाल पर उनके द्वारा राजकीय अधिकारी के साथ सीधे मारपीट करने के आरोप लगाये गये है। देवनानी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार है तथा सरकार के कामों पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को तो विश्वास रखना ही चाहिए जबकि कांग्रेस इस संकट की घड़ी में भी अपने स्वार्थो की पूर्ति व अहम के चक्कर में ओछी राजनीति कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नेता सरकारी बी.एल.ओ. पर दबाव बनाकर राहत सामग्री व राशन देने के लिए अपनी मर्जी से नाम जोड़ने का दबाव बना रहे है जिससे वास्तविक रूप से जरूरतमंद व गरीब व्यक्ति को सरकार की तरफ से निःशुल्क मिलने वाला राशन नहीं मिल पाएगा।
देवनानी ने कहा कि दो दिन पूर्व रामगंज क्षेत्र में भी सर्वे का कार्य कर रहे चिकित्सा विभाग कर्मियों व शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निबटने में जो लोग घरों से निकलकर एवं रिस्क उठाकर काम कर रहे है एसे राज्य कर्मचारियों का उत्साहवर्धन किये जाने की आवश्यकता है ना कि उनका मनोबल गिराने की।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि एसे तत्वों के साथ कठोरतापूर्वक कानूनी कार्यवाही करे ताकि सरकारी अधिकारी व कर्मचारी निडरता व स्वाभिमान से कार्य करते हुए अपनी जिम्मैदारी का निर्वहन कर सके।

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