देवनानी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जिस प्रकार कर्नाटक सरकार ने अभी हाल ही में एसे लोगों के खातों में 5-5 हजार रूपयें डलवाकर 1610 करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया है उसी प्रकार राजस्थान में भी लाॅकडाउन के कारण बेरोजगार बैठे गरीब कामगार लोगों को संबल प्रदान करने के लिए शीघ्र ही आर्थिक पैकेज स्वीकृत किया जाना चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में रोजाना की कमाई पर निर्भर गरीब कामगारों की पीड़ा का उल्लेख करते हुए लिखा कि प्रदेश में 22 मार्च से लागू लाॅकडाउन को 48 दिन हो गये है। इतने लम्बे समय से हेअर कटिंग का कार्य करने वाले नाई, कपड़े धोने व प्रेस का कार्य करने वाले धोबी, आॅटों चालक, टैक्सी चालक एवं इस प्रकार के अन्य कार्य कर दैनिक मजदूरी से अपनी आजीविका चलाने वाले लोग बेरोजगार बैठे है तथा इनके काम जल्दी शुरू हो जाएंगे इसके आसार भी कम ही नजर आ रहे है। इनमें से कुछ लोगों को राशन का गेहूं उपलब्ध हो गया लेकिन कई लोग जिनके एपीएल श्रेणी के कार्ड है उन्हें नहीं मिल पाया। एसे लोगों को दैनिक कमाई नहीं होने से जीवन की अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाना भी बहुत मुश्किल हो रहा है।
दूध, सब्जी विक्रेताओं, डेयरी संचालकों की जांच करवाकर जारी हो पास – देवनानी
अजमेर, 8 मई। अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने जिले के प्रभारी सचिव भवानी सिहं देथा से कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतते हुए क्षेत्र में दूध, सब्जी बेचने वालों व डेयरी संचालकों की जांच करवाकर उन्हें पास जारी किये जाए ताकि क्षेत्रवासी जांच के बाद प्रशासन द्वारा अधिकृत विक्रेता से ही खरीद कर सके।
देवनानी ने उनसे कहा कि गुजरात में अहमदाबाद व सूरत आदि स्थानों पर पिछले दिनों में सब्जी बेचने वालों के सम्पर्क में आने से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो गये। इस मामले में सतर्कता बरतते हुए अजमेर में भी रोजाना काम आने वाली सामग्री जैसे दूध, सब्जी, किराणा सामान आदि घर-घर बेचने वालों की जांच करवानी चाहिए जिससे संक्रमण फैलने के खतरे को टाला जा सके। उन्होंने इस सम्बंध में शीघ्र ही प्रशासन के स्तर पर उचित निर्णय लेकर कार्यवाही कराने की मांग की।
कोरोना महामारी के समय सरकार द्वारा खजाना भरना उचित नहीं
अजमेर, 8 मई। अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार से मांग की है कि कृषि मंडियों में खरीदी व बेची जाने वाली सभी कृषि जिंसों पर 2 प्रतिशत की दर से लागू किया गया कृषक कल्याण शुल्क तथा पेट्रोल-डीजल पर बढ़ाये गये टैक्स को तुरन्त वापिस लिया जाए।
देवनानी ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न हालात व लाॅकडाउन के समय में सरकार द्वारा अपना खजाना भरने का प्रयास कतई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालातों में कृषि उपज पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाना तथा काम धंधे बन्द होने से बेरोजगार हुए लोगों पर पेट्रोल, डीजल की दरे बढ़ाकर अतिरिक्त बोझ डालना राज्य सरकार के असंवेदनशील चेहरे को दर्शाता है जबकि सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर मार्च में ही वेट बढ़ाया था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की 247 कृषि मंडियों में विरोधस्वरूप काम बंद है जिससे 5 करोड का व्यापार प्रभावित हो रहा है तथा आटा, दाल, तेल मिले बन्द है जिसके कारण व्यापारियों को माल नहीं मिल पा रहा है परिणामस्वरूप आमजन को भी बाजार में सामग्री आसानी से उपलबध नहीं हो रही है। राज्य सरकार को इस मामले में तत्काल व्यापारियों से वार्ता कर समाधान निकालना चाहिए।