देवनानी ने कहा कि राजस्थान रोडवेज की बसे कांग्रेस पार्टी की निजी सम्पति नहीं है जो मुख्यमंत्री ने उनकी नेता के कहने पर यूपी बोर्डर पर भेज दी। उन्होंने इसे सरकारी संसाधनों का पार्टी के निजी हित में खुला दुरूपयोग बताते हुए कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश से भी निजी बसों को किराये पर ले सकती थी वहां बसों की कोई कमी थोड़े ही है।
देवनानी ने यह सवाल भी खडा किया कि मुख्यमंत्री ने ये बसें राजस्थान में प्रवासी श्रमिकों के लिए क्यों नहीं लगाई जबकि प्रदेश मेें सेकड़ों श्रमिक सड़कों पर भूखे-प्यासे पैदल चल रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत प्रदेश की जनता की चिन्ता छोड पूरे समय इसी प्रयास में लगे रहते है कि दिल्ली में बैठे आकाओं को कैसे खुश किया जाए जबकि वर्तमान समय में वैश्विक महामारी से प्रदेशवासियों को कैसे सुरक्षित रखा जाए इसकी चिन्ता करने की जरूरत भी है और उनका कत्र्तव्य भी यही है।