शक्ति सागर झील के कायाकल्प के लिए बनेगी विस्तृत योजना

जिला कलक्टर पहुंचे खरवा, दो घंटे घूम कर किया कई किलोमीटर भराव क्षेत्र का निरीक्षण
झील की पाल, कैचमेंट एरिया के एनिकट और खनन क्षेत्र के गड्ढों को भी देखने पहुंचे कलक्टर

अजमेर, 27 मई। मसूदा उपखण्ड के खरवा गांव स्थित ऎतिहासिक शक्ति सागर झील और आसपास के छोटे तालाबों की कायाकल्प के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। झील के आसपास कई किलोमीटर क्षेत्र में पानी की आवक के रास्तों को सुचारू किया जाएगा। इसके लिए गैर जरूरी एनीकट हटाने, खनन के गड्ढों को भरने तथा पाल व भराव क्षेत्र में अन्य जरूरी उपचार करने के लिए विस्तृत योजना तैयार की जाएगी। विभिन्न विभागों को तुरन्त योजना तैयार कर काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा शक्ति सागर झील को लेकर दिए गए निर्देशों की पालना में अजमेर जिला प्रशासन ने झील के संरक्षण एवं पुनरूद्धार की तैयारियां शुरू कर दी है। जिला कलक्टर श्री विश्वमोहन शर्मा ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दो घंटे तक झील के कैचमेंट एरिया का निरीक्षण कर पानी की आवक के क्षेत्र की जानकारी ली। उन्होंने कई किलोमीटर क्षेत्र में फैले भराव क्षेत्र तथा पानी की आवक के क्षेत्र में बनी रूकावटों का भी मौके पर जाकर निरीक्षण किया।
उन्होंने खान विभाग को निर्देश दिए कि झील के भराव क्षेत्र तथा इससे जुडे गोपाल सागर क्षेत्र में कई मीटर गहरे गड्ढों का मैप बनाकर इन्हें भरने की विस्तृत योजना तैयार करे। आसपास ही बडी सीमेन्ट फैक्टि्रयों के प्लांट है। वहां निकलने वाले वेस्टेज और मलबे से इन गड्ढों को भरा जा सकता है। इस कार्य को पूरी गंभीरता से और योजनाबद्ध तरीके से किया जाए।
जिला कलक्टर तालाब से कुछ किलोमीटर दूर वन क्षेत्र में भी पहुंचे। उन्होंने पहाडियों में बनाए गए बडे-बडे एनीकट और छोटे एनीकट की जानकारी ली। उन्होंने वन एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा कि एनीकट की प्रासंगिकता के अनुसार उनका आकार बदला जाए ताकि झील में पानी की आवक सुनिश्चित हो सके।
श्री शर्मा अधिकारियों एवं ग्रामीणों के साथ शक्ति सागर की पाल पर भी पहुंचे। वहां उन्होंने स्थानीय निवासियों से झील के भराव, पानी की आवक तथा सिंचाई आदि की जानकारी ली। उन्होंने पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिए कि झील की पाल का सौंदर्यीकरण एवं सशक्तिकरण के लिए तुरन्त योजना तैयार की जाए। इस योजना के अनुसार ही पाल को विकसित किया जाए।
इस अवसर पर मसूदा उपखण्ड अधिकारी श्री मोहन लाल खटनावलिया, जिला परिषद के अधिशासी अभियन्ता श्री कबीर खान सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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