जिला एवं सत्र न्यायालय को बाल न्यायालय के रूप में सभी प्रकरणों की सुनवाई का अधिकार मिला

अजमेर, 27 मई। अजमेर जिला एवं सत्र न्यायालय की अदालत को भी अब बाल न्यायालय के रूप में सभी प्रकरणों की सुनवाई का अधिकार प्राप्त हो गया है।

लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि राज्यपाल के आदेश से विधि एवं विधिक कार्य विभाग राजस्थान सरकार के प्रमुख शासन सचिव विनोद कुमार भारवानी ने इस आशय की अधिसूचना राज्य सरकार व माननीय मुख्य न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय के परामर्श से जारी करते हुए राजस्थान राज्य क्षेत्र में स्थित समस्त जिला एवं सेशन न्यायालय को अपने-अपने न्याय क्षेत्र की सीमाओं के लिए बाल न्यायालयों के रूप में विनिर्दिष्ट किया है। उन्हें लैंगिक अपराध से बालकाें का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रकरणों को छोड़कर बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 के तहत बाल न्यायालयों के रूप में सभी प्रकरणों की सुनवाई का अधिकार होगा। इसके साथ ही वर्तमान में कार्यक्रम विशेष न्यायालय लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 व बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम 2005 व बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा अंतरित प्रकरणों की सुनवाई का अधिकार होगा।

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