देवनानी ने कहा कि गहलोत सरकार अपनी विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए ही भाजपा पर ऐसे अनर्गल आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत इतने डरे हुए है कि उन्हें अपने विधायकों पर ही विश्वास नहीं रहा इसलिए सबको 9 दिन तक बाड़ेबंदी में रखा जा रहा है। कांग्रेस के अन्दर यह हालात है कि उनके दो दर्जन से ज्यादा विधायक घुटन महसूस कर रहे है तथा बसपा से आए व निर्दलीय विधायक भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है। ऐसे हालातों में उनमें से कोई विरोध पर ना उतर आए इस डर से सरकार ने उनकी बाड़ेबंदी के साथ ही सत्ता का दुरूपयोग करते हुए गत दिनों राज्य की सीमाओं को सील करने तथा बाद में आवागमन नियंत्रण के तुगलकी आदेश जारी किये जिससे कोरोना महामारी से पहले से त्रस्त प्रदेशवासियों को और ज्यादा परेशानी उठानी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की दुहाई दे रही कांग्रेस का तो लोकतांत्रिक मूल्यों में कभी विश्वास रहा ही नहीं। कांग्रेस ने तो अपने शासन में लोकतंत्र की कई बार हत्या की है। कांग्रेस ने ही पूरे देश पर आपातकाल थोंपा था तथा अपने शासनकाल में धारा 356 का दुरूपयोग कर 93 बार विभिन्न राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया। मुख्यमंत्री गहलोत आलाकमान की नजरों में केवल खुद के नम्बर बढ़ाने व सचिन पायलट के नम्बर घटाने के चक्कर में ऐसी बातें कर रहे है।
देवनानी ने कहा कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में अपराध व अपराधियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। बजरी माफिया बैलगाम हो चुके है। पुलिस अधिकारी व शिक्षक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत लोग आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हो रहे है। जनता लाॅकडाउन अवधि के तीन महीने के बिजली बिल की माफी की मांग कर रही है। किसान कर्जा माफी का इन्तजार कर रहे है। गर्मी के मौसम में जनता पेयजल के लिए तरस रही है। कोरोना प्रदेश में पैर पसारता जा रहा है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के पास इन मुद्दों पर बात करने का समय नहीें है इसलिए जनता का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा पर अनर्गल आरोप लगा रहे है जबकि प्रदेश में उनकी सरकार है, पुलिस तंत्र है व इन्टेलीजेन्स विभाग भी है तो फिर झूठे आरोप लगाने के बजाय जिम्मैदारीपूर्वक हकीकत जनता के सामने क्यों नहीं रखते।