देवनानी ने मंत्री धारीवाल को लिखे पत्र में बताया कि वर्ष 2015 में इस कम्पनी को सात वर्ष के लिए अजमेर शहर की स्ट्रीट लाईटों के रखरखाव व क्षेत्र में नई लाईटें लगाने के कार्य के लिए स्वायत्त शासन विभाग द्वारा नियुक्त किया गया था परन्तु सरकार ने अगस्त 2018 के बाद कम्पनी को भुगतान नहीं किया है। जबकि राज्य सरकार द्वारा स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था के तहत कम्पनी को जो भुगतान किया जाता है वह राशि अजमेर की जनता से बिलों में अरबन सेस के नाम पर वसूली जाने वाली राशि होती है। वर्तमान में अजमेर की जनता से वसूले 10.50 करोड़ रूपये सरकार के पास उपलब्ध है तथा कम्पनी के बकाया भुगतान की राशि भी लगभग इतनी ही है।
देवनानी ने मंत्री धारीवाल को लिखा कि 21 माह का भुगतान बकाया होने से कम्पनी ने स्ट्रीट लाईटों के रखरखाव का कार्य बन्द कर दिया है तथा शहर में लगी 2675 लाईटें बन्द पड़ी है जिससे शहर का बडा भाग अंधेरे में डूबा है। भुगतान हेतु अरबन सेस की राशि उपलब्ध होने से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं पड़ेगा इसके बावजूद स्वायत्त शासन विभाग द्वारा कम्पनी का भुगतान अटका कर अजमेर शहर की स्ट्रीट लाईट व्यवस्था को ठप्प कर दिया गया जिससे जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है। स्वायत्त शासन विभाग की ऐसी कार्यशैली के कारण स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ते अजमेर शहर की सड़कें अंधेरे में डूबी है।
उन्होंने मंत्रीजी से आग्रह किया कि अजमेर शहर की स्ट्रीट लाईट व्यवस्था संभालने वाली कम्पनी ईईएसएल का बकाया भुगतान तत्काल कराने के साथ ही भविष्य में भी जब तक कम्पनी का अनुबन्ध है अथवा सरकार नई कम्पनी नियुक्त नहीं करती तब तक नियमित भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करावे ताकि जनता को तकलीफ ना हो।