देवनानी ने उच्च शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में लगभग 3 माह लागू रहे लाॅकडाउन से विद्यार्थी वर्ग हो हुई परेशानी के साथ ही उनके अभिभावकों की रोजगार के अभाव में डगमगाई आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए बताया कि लोगों की आर्थिक स्थिति को पटरी पर आने में अभी काफी समय लगेगा तथा ऐसी स्थिति में महाविद्यालयों के प्रवेश शुल्क का बोझ उठाना उनके लिए सम्भव नहीं होगा जबकि राजकीय महाविद्यालयों में अधिकांश विद्यार्थी गरीब, श्रमिक, कामगार, मजदूर व किसान वर्ग के पढ़ने आते है।
उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री से लाॅकडाउन के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहे अभिभावकों तथा छात्र हित को दृष्टिगत रखते हुए फीस माफी के आदेश जारी कराने का आग्रह किया।