डॉ. सुनील लारा ने बताया कि राजस्थान के अजमेर संभाग में महर्षि दयानन्द सरस्वति विष्वविद्यालय अपने आप में बहुत बड़ा विष्वविद्यालय है जो कि सम्पूर्ण राजस्थान में व्याख्यात है। जहॉं कई शहरो व गॉंवो से छात्र-छात्राऐं अध्ययन ग्रहण करने आते है। जिस तरह से कुलपति ने जो यह भ्रष्टाचार का काम करके पूरे राजस्थान के विष्वविद्यालय पर बुरा असर पड़ा है व अजमेर संभाग के सबसे बड़े विष्वविद्यालय की छवि धुमिल हुई है। यह खेल बहुत दिनों से चल रहा, है, बिना क्रिमिनल रिकॉर्ड चेक किये ऐसे भ्रष्ट कुलपति को पदासीन कर रखा है। राजस्थान में बाहर के राज्यों से कुलपतियों की नियुक्तियो के आपराधिक रिकार्ड भी चेक करने चाहिए। षिक्षा के मंदिर में ऐसे कृत्य से छात्र वर्ग में असन्तोष है, यदि बाहर के राज्यो से लाये गए कुलपतियों के आपराधिक रिकॉर्ड चेक नही किये तो राज्य स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। वैसे भी मुख्यमंत्री महोदय भी राज्य की प्रतिभाओ को अवसर देने के लिए पॉलिसी बनाने जा रहे है। फिर इस प्रकार के उच्च पदों पर आपराधिक प्रवर्ति के लोगो को लाकर बिठाने से विश्वविद्यालयों की छवि भी खराब हो रही है।
ज्ञापन में मांग की गई कि प्रो. आर. पी. सिंह कुलपति पर पहले भी आरोप लगे हुए है, फिर भी नजरअंदाज कर इनको यहा पदासीन कर रखा है जिससे पूरे प्रदेश की छवि खराब हुई है।
यूथ कांग्रेस के नेता डॉं सुनील लारा ने राज्यपाल व राज्य सरकार से मांग की है कि जिस तरह से महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में कुलपति के निजी गार्ड को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा वह बहुत ही निंदनीय घटना है और इसमें पूरी तरह से जिम्मेदारी कुलपति महोदय की है और यह कुलपति पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है और इनकी शय से ही रिश्वतखोरी का मामला भ्रष्टाचार का मामला चल रहा है और यूथ कांग्रेस तुरंत प्रभाव से राज्यपाल से ऐसे कुलपति की बर्खास्त की मांग करती है। साथ ही राज्य सरकार और राज्यपाल से यह मांग करती है कि जब किसी कुलपति को बाहर के राज्य से लगाते हैं तो पहले उनकी अपराधिक रिकॉर्ड को देखा जाए। यूथ कांग्रेस यह मांग करती है कि अगर जल्द ही कुलपति महोदय को बर्खास्त नहीं किया गया यूथ कांग्रेस बहुत बड़ा आंदोलन करेगी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।