केकड़ी 7 जनवरी (पवन राठी)केकड़ी विधान सभा क्षेत्र की दो नगर पालिकाओं सरवाड़ और केकड़ी में भी 28 जनवरी को मतदान होना है।कांग्रेस की और से इन चुनावों में विधायक और गहलोत सरकार के काबीना मंत्री रघु शर्मा की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।इन चुनावों में क्या रघु शर्मा का जादू चल पायेगा या फिर पंचायत राज चुनावो की भांति फिर उनको मुँह की खानी पड़ेगी।गौर तलब है कि पंचायत राज चुनावो में केकड़ी विधान सभा क्षेत्र की तीन पंचायत समितियों में से केवल सरवाड़ में ही कांग्रेस का प्रधान बना पाने में मंत्री जी सफल हो पाए थे।रघु शर्मा ने तूफानी दौरे करते हुए खूब विकास का झुनझुना बजाते हुए कड़ी से कड़ी जोड़ने की अपील मतदाताओ से की थी जिसे मतदाताओ ने ठुकरा दिया था।चुनाव प्रचार करते हुए ही रघु शर्मा कोरोना पॉजिटिव हो गए थे।प्रचार के दौरान रघु मतदाताओ की नब्ज पकड़ने में पूरी तरह विफल रहे थे।इसके साथ ही चुनावो की कमान पूरी तरह से रघु के पुत्र सागर शर्मा के हाथ मे थी जिसमे सागर अपनी रणनीति के तहत कांग्रेस को विजयी बनाने में पूरी तरह से विफल रहे।इसके कारण रघु शर्मा को काफी शर्मिदगी भी उठानी पड़ी थी।अब देखना यह है कि पालिका चुनावो में कांग्रेस अपनी चुनावी कमान फिर से सागर शर्मा को सोपती है या फिर कोई कमेटी बनाती है या रघु शर्मा खुद चुनाव कमान अपने हाथ मे रख कर अपना सियासी जादू दिखाने की कोशिश करेंगे ?
दूसरी और भाजपा के विधानसभा के प्रत्याशी रहे राजेन्द्र विनायका के लिए भी पालिका चुनाव अग्नि परीक्षा होगी।पंचायत राज चुनावो में तो सावर में संयोजक अनिल मित्तल ने मोर्चा संभाला था और केकड़ी में खुद विनायका ने मोर्चा संभालते हुए सफलता की सीढ़ियां चढ़ी थी।पालिका चुनाव में यदि भा ज पा गुट बाजी का शिकार रही तो परिणाम चोंकाने वाले भी हो सकते है।इसके लिए भा ज पा को एक जुट होकर चुनावी मैदान में उतरना होगा।टिकट बंटवारे में उम्मीदवारों का चयन भी सोच समझ कर करना होगा।
दस का दम भरने वाली भाजपा की राहे भी आसान नही है एक पद पर अनेक दावेदार ताल ठोकेंगे इसमें कोई संदेह नही!
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के सम्मुख टिकट वितरण की समस्या मुँह बाये खड़ी होगी जिससे पार पाने के लिए टिकाऊ और जिताऊ उम्मीदवार की तलाश भी तलवार की धार पर चलने से कम नही होगा।जैसे तैसे टिकट बंटवारा होने पर दोनों ही दलों के सम्मुख
स्थानीय मुद्दे ही इन चुनावों में महत्वपूर्ण होंगे जो दल इन मुद्दों पर जनता की आकांक्षाओं पर खरा उतर पाएंगे वही चुनावी वैतरणी पार कर पाएंगे। जिसने इन स्थानीय मुद्दों पर अपनी पकड़ मजबूत करके मतदाताओ को प्रभावित कर लिया वही दल विजय श्री का वरण करने में सफल हो पायेगा।