जंग रेलवे व अपना बाजार की, फंसे उपभोक्ता

अजमेर। दो विभागों की लड़ाई आम आदमी पर भारी पड़ रही है। सोमवार को रेलवे प्रशासन ने अजमेर उपभोक्ता भंडार की गैस एजेंसी के कार्यालय पर रेल्वे पुलिस की मदद से ताले जड़ दिए। खास बात यह रही कि इन तालों में अब 16 हजार से अधिक गैस उपभोक्ताओं का रिकार्ड भी बंद हो गया है।
मामला किरायेदारी से जुडा हुआ है। अजन्ता सिनेमा के निकट स्थित अजमेर उपभोक्ता भण्डार की गेस एजेंसी के कार्यालय पर पहुंचे रेल अधिकारियों और रेलवे पुलिस बल के जवानों ने कार्यालय खाली करने का फरमान सुना दिया। अचानक पैदा हुई इस परिस्थिति से अजमेर उपभोक्ता भंडार के कर्मचारी भी हक्के बक्के रह गए। कार्यालय पर कब्जे की नियत से आये रेलवे अधिकारी किसी की भी सुनने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि उनके पास अदालत के आदेश हैं और वे किसी भी कीमत पर कार्यालय पर अपना ताला लगाकर ही वापस लोटेंगे।
अजमेर उपभोक्ता भंडार के कर्मचारियों के विरोध के बीच ही रेलवे ने दरवाजों पर लगे तालों को जबरन तोड़ कर भवन पर कब्जा कर लिया। उपभोक्ताओं में इस कार्यवाही से हड़कम्प मचा हुआ है। उन्हें डर है कि जब तक अजमेर उपभोक्ता भंडार और रेलवे के बीच किरायदारी का यह मामला नहीं निबटेगा, तब तक उन्हें गैस कैसे मिल पायेगी।
दूसरी तरफ  इस मामले में अजमेर उपभोक्ता भण्डार का कोई भी अधिकारी सामने आ कर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार कार्यालय के लिए यह भवन 1963 में किराए पर लिया गया था। इस मामले में रेलवे और अजमेर उपभोक्ता भण्डार के बीच अदालत में वाद चल रहा था, जिसमें विगत 29 नवम्बर को अदालत ने अजमेर उपभोक्ता भंडार की अपील खारिज कर दी थी। भंडार की माने तो वे इस मामले में उच्च न्यायालय में जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि सोमवार को रेलवे ने जबरन भवन पर कब्जा कर लिया। भंडार अब इस मामले में जिला प्रशासन के माध्यम से रेल्वे अधिकारियों से वार्ता का प्रयास कर रहा है, ताकि भवन के ताले खुलवा कर गैस उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके।
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