सवा लाख विद्यार्थियों को जल्द उपलब्ध कराए पुस्तके: देवनानी

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर/अजमेर 9 मार्च।
पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को विधानसभा में राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के विद्यार्थियों को अब तक पाठ्य पुस्तकें नहीं मिलने का मामला उठाया। सदन में इस विषय को लेकर लगाए स्थगन प्रस्ताव पर बोलते हुए देवनानी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले दो सालों में शिक्षा का बंटाधार करके रख छोडा है। समय पर परीक्षा कराना तो दूर सरकार विद्यार्थियों को पुस्तके तक समय पर उपलब्ध नहीं करा पाई। सरकार की लापरवाही और अकर्मण्यता के चलते स्टेट ओपन स्कूल के सवा लाख विद्यार्थियों को अब तक किताबें उपलब्ध नहीं हो सकी जबकि विद्यार्थियों की परीक्षा नजदीक है।
देवनानी ने कहा कि विभिन्न कारणों से नियमित स्कूल नहीं जा सकने वाले विद्यार्थियों के लिए राज्य में स्टेट ओपन स्कूल की व्यवस्था है ताकि विद्यार्थी अध्ययन कर अपना भविष्य संवार सकें। इसी उद्धेश्य को लेकर प्रदेश के सवा लाख विद्यार्थियों ने स्टेट ओपन स्कूल से इस बार 10वीं व 12वीं कक्षा का फार्म भरा। नियमानुसार स्टेट ओपन स्कूल ने परीक्षा शुल्क के साथ पुस्तकों के शुल्क के नाम पर साढे तीन करोड रूपये तो बंटोर लिये लेकिन अब तक पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है जिससे विद्यार्थी व उनके अभिभावक परेशान है। किताबों के अभाव में विद्यार्थी क्या पढे, क्या नहीं उसको लेकर खासे चिंता में है।
उन्होंने कहा कि हर बार दिसम्बर माह तक पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाती थी ताकि चार-पांच माह विद्यार्थी उसे पढकर अप्रेल-मई में बेहतर तरीके से परीक्षा दे सके लेकिन सरकार के संबंधित विभागीय अधिकारियों की अकर्मण्यता और घोर लापरवाही के चलते पुस्तकें मिलना तो दूर अब तक टेंडर प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है। टेंडर होने में बिलंब होने के चलते इस बार मार्च मध्य तक भी पुस्तके उपलब्ध नहीं हो सकी है। ठेण्डर प्रक्रिया में जो बिलंब हुआ है उसे देखते हुए मई माह तक पुस्तके उपलब्ध होने की भी कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती है जबकि ओपन स्कूल के 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा माथे पर है। इन सबको देखते हुए सवा लाख विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड हो रहा है। देवनानी ने सदन में सरकार से विद्यार्थियों को जल्द पुस्तकें उपलब्ध कराने की मांग की।

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