वकीलों ने पुलिस की शव यात्रा निकाल-मांगे पूरी नही होने पर दी केकड़ी बंद करवाने की चेतावनी

केकड़ी 31 मार्च(पवन राठी)सोमवार रात्री वकील के परिजनों की पुलिस कर्मियों द्वारा मारपीट के कारण आज दूसरे दिन भी बार एसोसिएशन केकड़ी के आवाह्न पर वकीलों की कलम डाउन हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही।
आज वकीलों ने पुलिस कर्मियों की शव यात्रा निकाल पुतलों का दहन किया।इसके बाद वकीलों ने उप खंड अधिकारी को अपनी विभिन्न मांगों का ज्ञापन सौंप कर तत्काल मांगे पूरी करने की मांग की गई है अन्यथा केकड़ी बंद करवाने की चेतावनी भी दी गई है।
विश्व हिंदू परिषद ने भी केकड़ी बार की मांगों का समर्थन करते हुए मांगे पूरी नही होने पर केकड़ी बंद की चेतावनी प्रशासन को दी है।
यह है प्रकरण
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वकील पवन सिंह भाटी के परिजन रात्री में नायकी स्थित अपने फार्म हाउस से विभिन्न दो पहिया वाहनों से केकड़ी अपने घर लौट रहे थे जयपुर रोड बाई पास के निकट एक वाहन में पेट्रोल खत्म हो जाने पर साथ चल रहे दूसरे वाहन से पेट्रोल निकाल रहे थे इसी दौरान सादी ड्रेस में जूनिया से केकड़ी आ रहे पुलिस कर्मियों की नजर पेट्रोल निकाल रहे भाटी के परिजनों पर पड़ी तो उनके साथ मारपीट प्रारम्भ कर दी गई ।इसी दौरान पुलिस कर्मियों ने गस्ती दल को भी घटना स्थल पर बुला लिया और सभी पुलिस कर्मीयो द्वारा बर्बरता पूर्वक मारपीट करने लगे यह बात वकील द्वारा सार्वजनिक की गई है। मेडिकल में भी चोटों की पुष्टि हो चुकी है।यह भी बताया गया कि जूनिया से कार्यक्रम में भाग लेकर लौट रहे पुलिस कर्मी शराब के नशे में धुत्त थे।पुलिस कर्मियों द्वारा भाटी के परिजनों पर मारपीट करने सहित जाती सूचक शब्दो से अपमानित करने का आरोप जड़ा गया है।
दोनों पक्षो द्वारा एक दूसरे के विरुद्ध मुकदमे दर्ज करवाये जा चुके है।पुलिस कर्मियों द्वारा जाति सूचक शब्दो से अपमानित करने का मुकदमा दर्ज करवाया गया है जिसकी जांच उप अधीक्षक खींव सिंह कर रहे है।

वकीलों की प्रमुख मांगे
बार अध्यक्ष चेतन धाबाई ने बताया कि:-
1-दोषी पुलिस कर्मियों को तुरंत निलंबित किया जाकर केकड़ी से हटाया जाए।
2-थानाधिकारी केकड़ी को केकड़ी से हटाया जावे।
3-दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जावे।
दर्ज किए गए फर्जी मुकदमे तुरंत वापस लिए जावे।पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे में राज कार्य मे बाधा की जो धारा लगाई गई है वह हास्यास्पद है क्योंकि पुलिस कर्मी निजी कार्यक्रम में भाग लेकर लौट रहे थे और वर्दी में भी नही थे।
धाबाई ने यह भी बताया कि यदि प्रशासन ने मांगे नही मानी तो बार को मजबूर होकर केकड़ी शहर बंद करवाने पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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