महाराजा अग्रसेन की प्रतिमा हटाने का विरोध

आज दिनांक 4 अप्रैल, 2021 को प्रात: 7.30 बजे अजमेर जिला वैश्य महासम्मेलन के निर्णायक मण्डल की आपात बैठक का आयोजन हुआ। बैठक में कालीचरण खण्डेलवाल ने कहा कि विश्व में समाजवाद के संस्थापक, अग्रवाल समाज के आदि भगवान श्री अग्रेसन जी महाराज की एकमात्र प्रतिमा वर्षों से अजमेर स्थित सूचना केन्द्र सर्किल पर लगी हुई है। जिसमें सम्पूर्ण अग्रवाल समाज ही नहीं अन्य समाजों की भी पूर्ण आस्था है। भारत समाज की नींव ही आस्था पर रखी हुई है। आस्था पर चोट कतई उचित नहीं है।
पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाडिय़ा ने कहा कि पूरे वर्ष वैश्य समाज इस चौराहे की सार-संभाल, देखभाल व उचित व्यवस्था करता आ रहा है। इस चौराहे से शहर व क्षेत्र की शोभा में बढ़ोतरी हुई है ना कि इससे कोई परेशानी या यातायात व्यवस्था आदि में कोई रूकावट आ रही हो। बल्कि इस चौराहे को खत्म करने से यातायात व्यवस्था में नासूर की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी, जो आये दिन होने वाली परेशानियों का सबब बनेगा। चौराहे के निर्माण होने के बाद यातायात व्यवस्था पूर्व से बेहतर हुई है।
रमेश तापडिय़ा ने कहा कि शहर के लगभग सभी प्रसिद्ध चौराहों पर इसी तर्ज पर महापुरूषों की प्रतिमायें लगायी गयी थी ताकि भावी युवा पीढ़ी को उनके जीवन से प्रेरणा मिले एवं वे अपने इतिहास से परिचित हो एवं गौरवान्वित हो। इस प्रकार चौराहों पर महापुरूषों की प्रतिमायें भावी पीढ़ी को एक संदेश देने के लिये लगायी जाती है, उन्हें हटाना भावी पीढ़ी को हमारी गौरवशाली संस्कृति से विमुख करना है, जो कतई उचित नहीं है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सड़कों को चौड़ा करने के नाम पर इसे हटाया जाना प्रस्तावित है। इससे अजमेर ही नहीं अपितू प्रदेश के सम्पूर्ण वैश्य समाज में भारी आक्रोश का माहौल व्याप्त है। इस पर सरकार को पुन: विचार करना चाहिये क्योंकि इस चौराहे के आस-पास इसे चौड़ा करने को पर्याप्त स्थान है, बिना चौराहे को हटाये भी सड़क चौड़ी होना सम्भव है।
अत: आपसे निवेदन है कि इस चौराहे को यथावत रहने दे एवं अन्य विकल्पों पर सकारात्मक विचार करते हुए समाज की भावनाओं के अनुरूप निर्णय करने की कृपा करें एवं अजमेर प्रशासन को उचित दिशा-निर्देश प्रदान करने की कृपा करें।
उमेश गर्ग ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि जयपुर अशोक मार्ग स्थित अहिंसा सर्कल को भी पहले हटाया जाना प्रस्तावित था परन्तु राजस्थान सरकार ने जनभावनाओं को मान देते हुए वैश्य समाज के अहिंसा सर्कल को यथावत रखने का प्रशंसनीय कदम उठाया था, जिसके लिये आपको धन्यवाद एवं इससे समाज में एक बहुत अच्छा संदेश राजस्थान सरकार के प्रति गया था। जब राजस्थान की राजधानी जयपुर में यह साहसिक कदम समाजहित में लिया जा सकता है तो धर्मनगरी अजमेर में भी अग्रसेन सर्कल को यथावत क्यों नहीं रखा जा सकता है।
सभा में कालीचरण खण्डेलवाल, पुखराज पहाडिय़ा, रमेशचंद तापडिय़ा, उमेश गर्ग, प्रवीण जैन, हंसराज अग्रवाल, हरीश गर्ग, दीपक चोपड़ा आदि गणमान्यजन उपस्थित थे।

(उमेश गर्ग)

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