देवनानी सबसे पहले पुलिस लाइन स्थित सरकारी डिस्पेंसरी पहुंचे, जहां अव्यवस्थाओं की भरमार मिली। स्टाफ की कमी के कारण लोगों का समय पर वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा था। जब देवनानी वहां पहुंचे, तब करीब तीन सौ से ज्यादा लोग लाइन में खडे़ होकर वैक्सीनेशन के लिए अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। इतनी अधिक भीड़ होने के कारण छाया का कोई बंदोबस्त नहीं था और लोग धूप में खड़े हुए थे। भीड़ ज्यादा होने के कारण अव्यवस्था फैली हुई थी। इस पर उन्होंने सिविल लाइंस थाने के सीआई से फोन पर बात कर डिस्पेंसरी पर पुलिस की व्यवस्था करने को कहा। लोगों को वैक्सीनेशन समय पर नहीं होने का एक कारण टोकन व्यवस्था नहीं होना भी है, जिससे आपाधापी मची हुई थी।
देवनानी ने मदार गेट स्थित कस्तूरबा अस्पताल पहुंच कर देखा, तो उन्हें वहां पर अव्यवस्थाएं मिलीं। केवल दो कमरों में वैक्सीनेशन और कोरोना जांच का काम चल रहा था। इनमें भी लाइट की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी और कूलर भी नहीं लगे हुए थे, जिससे स्टाफ को भी काम करने में परेशानी हो रही थी। इस अस्पताल में ना टोकन सिस्टम था और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो पा रही थी। इस पर उन्होंने सीएमएचओ से बात कर अव्यवस्थाओं में तत्काल सुधार करने को कहा।
देवनानी ने आखिर में डिग्गी स्थित राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने पाया कि एक ही जगह पर कोरोना की जांच और वैक्सीनेशन का काम रहा है। इस पर देवनानी ने नाराजगी जताते हुए सीएमएचओ और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से दो कामों के लिए अलग-अलग व्यवस्था करने को कहा। यहां लोगों ने वैक्सीन कराने के लिए रजिस्टेªशन कराने में दिक्कत आने की बात कही, इस पर देवनानी ने सीएमएचओ से रजिस्टेªशन व्यवस्था में भी सुधार करने को कहा।
200 लोगों को बांटे परिवार आरोग्य किट
देवनानी ने तीनों डिस्पेंसरी पर करीब 200 लोगों को परिवार आरोग्य किट बांटे। प्रत्येक किट में काढ़े का पैकेट, गिलोय की गोलियां, विटामिन-सी व जिंक के कैप्सूल रखे गए हैं। विधायक सेवा केंद्र के तहत किए जा रहे सेवा कार्यों की कड़ी में लोगों को परिवार आरोग्य किट बांटने का अभियान शुरू किया गया है।
आॅक्सीजन व इंजेक्शन की कमी नहीं हुई दूर
देवनानी ने बताया कि शहर में अभी भी आॅक्सीजन सिलेंडरों और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। प्रशासन इस कमी को दूर नहीं कर पा रहा है, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्राइवेट अस्पताल आॅक्सीजन और रेमडेसिविर के अभाव में मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं, जिससे मरीजों के जीवन पर संकट बना हुआ है। उन्होंने सरकार और जिला प्रशासन ने आॅक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी तत्काल दूर कराने की मांग की है, ताकि मरीजों का जीवन बचाया जा सके।