जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान के 13 महीने का कठीन उपवास का पारणा इक्षु (गन्ने) के रस से किया था। यह परम्परा आज भी निर्बाध रूप से चली आ रही है अक्षय तृतीया महोत्सव पर कोरोना महामारी की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सामुहिक कार्यालय जो की 1008 आचार्य श्री सुदर्शन लाल जी महारासाहब के निश्राय मे बिजयनगर में होना था उसे स्थगित कर वर्षीतप पारणा के लिए तपस्विनी सुशीला देवी खेराड़ा, उषादेवी देवी लुणावत, चंचल देवी खटोड़, लक्ष्मी देवी कावड़िया का श्री प्राज्ञ जैन मित्र मंडल अजमेर के पदाधिकारी विनोद ढ़ाबरिया, पदमचंद खटोड़ एवं आदि सदस्यों ने तपस्वियों का सम्मान किया ।
विनोद ढ़ाबरिया
कार्याध्यक्ष
श्री प्राज्ञ जैन मित्र मंडल अजमेर
9829084500